नई दिल्ली। चीन ही नहीं भारत के खिलाफ चीनी मोबाइल कंपनियां बड़ा खेल कर रही हैं। चीन जहां सीमा पर विवाद कर रहा हैं और चीनी मोबाइल कंपनियों  का बड़ा खेल सामने आया है। जो देश के लिए बड़ा  खतरा है। असल में यूपी पुलिस ने चीनी मोबाइल कंपनी वीवो का फर्जीवाड़ा पकड़ा है। जिसके तहत एक ही मोबाइल के आईएमईआई नंबर जारी किए हैं।  पुलिस का कहना है कि ये देश के लिए बड़ा खतरा है क्योंकि आतंकी इसका दुरुपयोग देश में आतंकी घटनाओं के लिए कर सकते हैं।


जानकारी के मुताबिक मेरठ जोन के एडीजी कार्यालय में तैनातसब इंस्पेक्टर आशाराम का वीवो मोबाइल खराब हो गया था और इसे  उन्होंने मेरठ के दिल्ली रोड स्थित वीवो कंपनी के सर्विस सेंटर दिखाया और कंपनी ने उसकी रिपेयरिंग कराकर उसे वापस कर दिया। लेकिन इसके बाद भी फोन ठीक नहीं हुआ और जब दोबारा चेक कराया तो मालूम चला कि मोबाइन फोन का आईएमईआई नंबर बदला जा चुका है। इसके बाद एडीजी को इसकी जानकारी हुई तो उन्होंने साइबर क्राइम सेल की जांच कराने को कहा तो सनसनीखेज  जानकारी सामने आई।

वहीं मोबाइल कंपनी ने इसकी जानकारी पुलिस को नहीं तो टेलीकॉम कंपनी से डेटा लिया गया है। जिसके मुताबिक सब इंस्पेक्टर आशाराम के मोबाइल के आईएमईआई नंबर पर देश में 13357 फोन चल रहे हैं। फिलहाल मेरठ में वीवो कंपनी के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर दी गई है।  वहीं जानकारों का कहना है कि ये एक बड़ा प्रकरण है और केन्द्र सरकार को इस पर कार्यवाही करनी चाहिए। क्योंकि ये देश की सुरक्षा से खिलवाड़ है। एक मोबाइल में एक ही मोबाइल आईएमईआई  नंबर होता है। 

चीन की बड़ी साजिश तो नहीं, जानें क्या होता है आईएमईआई नंबर

जानकार इसे बड़ी  साजिश मानते हैं। क्योंकि जब एक मोबाइल में ऐसा हो सकता है तो दूसरे मोबाइल में भी ऐसा हो सकता है।  वहीं एक आईएमईआई नंबर एक मोबाइल सेट के लिए जारी किया जाता है। जिसके जरिए ये पता चल जाता है कौन इसका मालिक है और कहां पर मौजूद है। सिमकार्ड  हटाने  के बाद भी आईएमईआई नंबर काम करता है। फिलहाल वीवो मोबाइल कंपनी नियमों की धज्जियां उड़ा रही है। वहीं मेरठ जोन के एडीजी अपर पुलिस महानिदेशक राजीव सभरवाल भी इसे आंतरिक सुरक्षा के लिए खतरा मानते हैं।