नई दिल्ली। पड़ोसी देश चीन फिर भारत के खिलाफ हिमाकत कर रहा है। जानकारी के मुताबिक चीन की सेना ने लद्दाख सीमा पर फिर से  15 जून की घटना को दोहराया है और भारत ने उसका करारा जवाब दिया है।  लद्दाख में 15 जून को भारत और चीन के सैनिकों के बीच हिंसक झड़प हुई थी ओर इसमें देश के  20 बहादुर सैनिक शहीद हुए थे वहीं चीन के 40 सैनिकों के मारे जाने की भी खबर है। वहीं दोनों देशों के बीच बातचीत का दौर चल रहा है। लेकिन इसी बीच चीनी सैनिकों ने फिर से अतिक्रमण करने की कोशिश की है।

भारतीय सेना की तरफ से जो जानकारी आ रही है उसके मुताबिक चीन ने फिर से समझौतों का उल्लंघन कर 15 जून की घटना को दोहराया है। चीन ने एक बार फिर पूर्वी लद्दाख में अतिक्रमण करने की कोशिश की है।  सेना का कहना है कि चीनी सेना ने उस इलाके में अपना आक्रामक रवैया दिखाया है जहां पर किसी तरह की गतिविधि पर अभी तक कोई सहमति नहीं बनी है।  सेना का कहना है कि चीनी सेना ने पेंगोंग त्सो एरिया में आक्रामक रवैये को दिखाया है और 29/30 अगस्त के दौरान पीएलए के सैन्य दलों ने अतिक्रमण करने की कोशिश की है और दोनों देशों की सहमति का उल्लंघन किया है। असल में दोनों देशों के बीच पूर्वी लद्दाख में जारी तनाव के दौरान सैन्य एवं कूटनीतिक पर सहमति बनी थी। चीनी सैनिकों ने एक बार फिर उकसावे की सैन्य गतिविधियां कीं।

सेना का कहना है कि भारतीय सैनिकों ने पेंगोंग त्सो झील के दक्षिणी किनारे पर पीएलए की गतिविधि को रोका है और इसके लिए कड़े कदम उठाए हैं और सीमा पर अतिक्रमण करने की चीन की मंशा को ध्वस्त कर दिया। सेना ने कहा कि भारत बातचीत के जरिए शांति और स्थिरता कायम का पक्षधर है। वहीं दोनों देशों के बीच  विवादों को सुलझाने के लिए चुसूल में ब्रिगेड कमांडर स्तर की बैठक चल रही है। असल में चीन ने पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी में 15 जून को सीमा पर अतिक्रमण करने की कोशिश की थी और इस दौरान भारत और चीन के सैनिकों के बीच हिंसक झड़प हुई थी। इस झड़प में भारत के बीच सैनिक शहीद हो गए थे जबकि चीन के 40 सैनिकों के मारे जाने की भी खबर है। हालांकि चीन ने अभी तक इसका खुलासा नहीं किया है।