नई दिल्ली। भारत चीन नियंत्रण रेखा चीन की सेना को धूल चटाने के लिए माउंटेन कार्प के एकीकृत बैटल ग्रुप (आईबीजी) की तैनाती कर दी गई है। ये सैनिकों की ऐसी टुकड़ी है जो पहाड़ी इलाकों में लड़ने के लिए पारंगत है और मार्शल आर्ट से भी प्रशिक्षित है। इस टुकड़ी को ऊंचे पहाड़ी इलाकों में युद्ध के लिए तैयार किया जाता है। सेना ने 17वीं माउंटेन कार्प के जवानों को एलएटी पर तैनात कर दिया है और ये चीन की हर चुनौती से निपटने में सक्षम है।

असल में सेना ने इस टुकड़ी को एलएसी पर इसलिए तैनात किया है क्योंकि चीन ने बड़े पैमाने पर मार्शल आर्ट के लड़ाकों को सीमा पर तैनात किया है और इसके लिए उसने खासतौर से इन सैनिकों को सेना में भर्ती किया है। इसकी पुष्टि सेना के अफसरों ने भी की थी। जिन्होंने बताया था कि 15 जून सीमा पर चीन के वो सैनिक नहीं दिखाई दिए गए थे जो पहले से ही वहां पर तैनात रहते थे। बाद में जानकारी आई की चीन ने सीमापर मार्शल आर्ट के प्रशिक्षित सैनिकों को तैनात किया है। जानकारी के मुताबिक चीन ने ऐसे पांच डिवीजन बनाकर इन सैनिकों को भेजा है।  गौरतलब है कि 15 जून की रात ही भारत और चीन की सेनाओं के बीच गलवान घाटी में खूनी झडप हुई थी और इसमें भारत के 20 जवान शहीद हो गए थे।

हालांकि चीन को भी बड़ा नुकसान हुआ और उसके 40 से ज्यादा सैनिक हताहत हुए हैं। हालांकि चीन अभी तक इस बात को नहीं मान रहा है। फिलहाल सेना ने माउंटेन कार्प के कम से तीन टुकड़ियों को सीमा पर तैनात  कर दिया है। इसमें खासतौर से आईटीबीपी के जवानों को शामिल किया है जो पहाड़ी इलाकों में युद्ध का प्रशिक्षित किए जाते हैं। वहीं सीमा पर युद्ध जैसे हालत हैं और चीन अपने क्षेत्र में बंगरों का निर्माण कर रहा है।  इसे देखते हुए भारतीय सेना ने भी पूरी तैयार कर ली है।