नई दिल्ली: चीन ने पिछले दिनों आतंकी मसूद अजहर के साथ जो सहानुभूति दिखाई थी, उसके बाद पूरे देश में चीन के खिलाफ नाराजगी फैल गई।

भारतीयों ने चीनी सामान पर प्रतिबंध लगाने के लिए कैंपेन चलाया। चीनी मीडिया ने इसी पर व्यंग्य किया है। 
 
चीन की कम्युनिस्ट पार्टी के मुखपत्र ग्लोबल टाइम्स में छपे एक ब्लॉग में लिखा गया है कि चीनी सामानों का इस्तेमाल करना भारतीयों की मजबूरी है। क्योंकि भारत की मैन्युफैक्चरिंग इंडस्ट्री अभी भी अविकसित है और उसमें मुकाबला करने की क्षमता नहीं है। यही कारण है कि भारत में चीनी सामानों के बायकॉट की मुहिम असफल रही है। 

यह ब्लॉग सोमवार को प्रकाशित किया गया। इसमें कहा गया है कि भारतीय पसंद करें या नहीं, लेकिन उन्हें अभी भी चीन में बने सामानों का इस्तेमाल करना पड़ेगा क्योंकि भारत की अभी भी बड़े पैमाने पर उत्पादन करने की क्षमता कम है। 

कम्युनिस्ट पार्टी के इस मुखपत्र ने हमारे नेताओं की भी चेतावनी देने की जुर्रत की है। उसका कहना है कि  'यदि आने वाले लोकसभा चुनाव में प्रत्याशी राष्ट्रवाद को उभारने और लोकप्रियता हासिल करने के लिए चीन का डर दिखाएंगे तो यह खतरनाक होगा।'  

चीन ने यह चुनौती उन सभी भारतीयों को दी है, जो कि सस्ते चीनी सामानों का मोह छोड़ नहीं पाते। लेकिन अब यह तय करने का वक्त आ गया है कि चीन को सबक सिखा ही दिया जाए। 
चीन के इस तंज में देश के नेताओं के लिए भी एक सबक है कि बिना अंदरुनी तैयारी के किसी भी देश से व्यापार युद्ध नहीं छेड़ा जा सकता।  

उधर देश के व्यापारियों के सबसे बड़े संगठन कॉन्फ़ेडरेशन ऑफ़ आल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) के आवाहन पर आज दिल्ली सहित देश भर के विभिन्न राज्यों में व्यापारी संगठनो ने 1500 से अधिक स्थानों पर चीनी वस्तुओं की होली जलाई और चीन के बने सामान का बहिष्कार करने का संकल्प लिया। साथ ही सरकार से चीन के आयात पर प्रतिबंध लगाने की भी मांग की।