नई दिल्ली। संसद के दोनों सदनों में नागरिकता संशोधन बिल के पास होने के बाद अब पूर्वोत्तर के राज्यों खासतौर से असम से जबरदस्त विरोध प्रदर्शन हो रहा है। असम के कई जगहों पर हिंसक प्रदर्शन हुए हैं। प्रदर्शनकारियों ने मुख्यमंत्री और मंत्रियों के घरों में हमला कर विरोध जताया है। पूर्वोत्तर के हालत को देखते हुए केन्द्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने आपातकालीन बैठक की और अहम कदम उठाने का आदेश दिया है।

बुधवार को राज्यसभा में नागरिकता संशोधन बिल पारित हो गया है। हालांकि इससे पहले ये लोकसभा में पारित हो चुका है। लेकिन संसद में इस बिल के पेश होने के साथ ही पूर्वोत्तर के  राज्यों में विरोध प्रदर्शन हो गए थे। लेकिन जैसे ही ये राज्यसभा से पास हुआ तो पूर्वोत्तर में विरोध प्रदर्शनों में जबरदस्त तेजी आई है। सबसे ज्यादा खराब स्थिति असम की है। जहां इस बिल को लेकर हिंसक विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं। हालांकि केन्द्र सरकार पहले ही साफ कर चुकी है कि बिल से कोई प्रभावित नहीं होगा।

असम कई जगहों पर हिंसक प्रदर्शन होने की खबर है। प्रदर्शनकारियों ने असम के मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल के पैतृक घर पर पत्थरबाजी की है। यही नहीं केंद्रीय मंत्री रामेश्वर तेली के घर पर भी प्रदर्शनकारियों के हमले की खबर है। मुख्यमंत्री सोनोवाल को प्रदर्शन के कारण आधा घंटे से ज्यादा समय एयरपोर्ट पर रूकना पड़ा। हिंसक हो चुके प्रदर्शनकारियों ने राज्य के तिनसुकिया जिले के पानीटोला और चबुआ रेलवे स्टेशन में आग लगा दी है। हिंसक प्रदर्शनों को देखते हुए गुवाहाटी में अनिश्चिकालीन कर्फ्यू लगा दिया गया है।

केन्द्र सरकार ने हिंसक प्रदर्शनों और बेकाबू होते हालात को देखते हुए कई स्थानों पर सेना तैनात की गई है। हालांकि इससे पहले केन्द्र सरकार वहां पर अर्धसैनिकों बलों को तैनात कर चुकी है। फिलहाल राज्य को हालत को देखते हुए गृह मंत्री अमित शाह ने अहम बैठक की है। असम के कई शहरों में दूर संचार और इंटरनेट सर्विस को बंद कर दिया गया है और डिब्रूगढ़, जोरहाट और बोन्गईगांव में सेना की तैनाती की गई है। इसके साथ ही कई जिलों में धारा 144 लगा दी गई है।