पूर्वोत्तर के कुछ राज्यों में नागरकिता संशोधन विधेयक के विरोध में कांग्रेस को अपने लिए संभावनाएं नजर आ रही हैं। पूर्वोत्तर के सभी राज्यों में सत्ता से बेदखल हो चुकी कांग्रेस को लगता है कि इस बिल का तेज होता विरोध असम में 'तख्तापलट' की स्थिति बना सकता है। कांग्रेस ने इन्हीं संभावनाओं के मद्देनजर असम के मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल पर डोरे डालने शुरू कर दिए हैं। 

असम कांग्रेस के नेता देबब्रत सैकिया ने शनिवार को राज्य के मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल को भाजपा छोड़ने और उनकी पार्टी के समर्थन से नई सरकार बनाने की पेशकश की। उधर, एनडीए से नाता तोड़ने वाली असम गण परिषद (अगप) ने कहा कि नागरिकता संशोधन विधेयक रद्द किए जाने पर वह भाजपा के साथ गठबंधन बहाल कर सकती है।

असम विधानसभा में नेता विपक्ष सैकिया ने यहां एक स्थानीय टीवी चैनल से कहा, 'विरोध प्रदर्शनों को बढावा दे रहे नागरिकता संधोधन विधेयक के चलते राज्य में पैदा हुए मौजूदा हालात के मद्देनजर सर्बानंद सोनोवाल को भाजपा छोड़ देनी चाहिए और कम से कम अपने 40 विधायकों के साथ ही बाहर आ जाना चाहिए।’  

उन्होंने कहा, ‘हम सोनोवाल को ही फिर से असम का मुख्यमंत्री बनवा देंगे। 126 सदस्यीय सदन (विधानसभा) में हमारे पास 25 विधायक हैं। हम नई सरकार बनाने के लिए अगप और अन्य दलों का समर्थन ले सकते हैं ।’विधानसभा में भाजपा के 61, कांग्रेस के 25, अगप के 14, एआईयूडीएफ के 13, बोडोलैंड पीपुल्स फ्रंट के 12 विधायक हैं।