गोरखपुर. जब योगी आदित्यनाथ गोरखनाथ मठ में पहुंचे तो वह मुख्मंत्री नहीं बल्कि इस प्राचीन मठ के पीठाधीश्वर की भूमिका में आ गए। उन्होंने मठ में अपनी परंपराओं का निर्वहन करते हुए  गुरु-शिष्य का रिश्ता निभाते हुए अपने ब्रह्मलीन गुरु महंत अवैद्यनाथ की मूर्ति पर पुष्प चढ़ाया। 

योगी आदित्यनाथ ने मठ में मौजूद सभी प्राचीन गुरुओं को अपनी श्रद्धांजलि प्रदान की।  गोरखनाथ मंदिर में सीएम योगी ने आदियोगी गुरू गोरक्षनाथ, सहित सभी नाथ योगियों के समाधि स्थल पर पहुंच कर परंपरागत गुरु पूजा की। इसके बाद योगी गुरु पूर्णिमा के कार्यक्रम में शामिल हुए। जहां उन्होंने शिष्यों को आशीर्वाद दिया। 

मंगलवार को पूरे देश में गुरु पूर्णिमा का पर्व धूमधाम व परंपरागत तरीके से मनाया जा रहा है। गोरखपुर स्थित गोरक्षनाथ मंदिर में सीएम योगी ने वैदिक मंत्रोच्चार के बीच सबसे पहले गुरु गोरक्षनाथ के दर्शन कर अपने गुरु ब्रह्मलीन गंभीर नाथ, दिग्विजय नाथ और ब्रह्मलीन महंत अवैद्यनाथ का दर्शन कर आशीर्वाद लिया।

पूजा के बाद वह दिग्विजय नाथ स्मृति सभागार में आयोजित मुख्य आयोजन में हिस्सा लेने पहुंचे। यहां उन्होंने नाथ पन्थ और अपने गृहस्थ शिष्यों को आशीर्वाद दिया। इस अवसर पर उन्होंने अपने शिष्यों को गुरू-शिष्य परम्परा के महत्व के विषय में भी बताया। 

योगी आदित्यनाथ के यहां पहुंचने से पहेल मन्दिर में ब्रह्ममुहूर्त यानी सुबह के चार बजे ही नाथ पंथ की परंपरागत पूजा संपन्न की गई। प्रधान पुजारी योगी कमलनाथ के नेतृत्व में पूजा संपन्न हुई। उन्होंने गुरू गोरक्षनाथ को परंपरागत रोट का प्रसाद चढ़ाया। उसके बाद मंदिर परिसर में मौजूद सभी देव-विग्रहों के मंदिरों और नाथ योगियों के समाधि स्थल पर जाकर गुरु पूजा की।