इसके अलावा एक निजी कंपनी विकास मेटल्स एंड पावर लिमिटेड के प्रमोटर विकास पटनी को 4 साल की सजा और विकास मेटल्स एंड पावर लिमिटेड के प्रमोटर विकास पटनी के सहयोगी आनंद मलिक को 4 साल की सजा सुनाई गई है। सीबीआई ने सज़ा पर बहस करते हुए कोर्ट से कहा था कि ये बहुत ही गंभीर अपराध है। राष्ट्रीय हित में देखें तो 1 लाख 86 हज़ार करोड़ के नुकसान का अनुमान लगाया गया है। इस घोटाले से संबंधित 55 एफआईआर दर्ज की गई हैं। कोयला घोटाला मामले की ईडी भी अलग से जांच कर रही है। कोयला मंत्रालय के पूर्व सचिव एचसी गुप्ता के वकील ने कोर्ट से कहा था कि वो अपने घर में अकेले कमाने वाले हैं। साथ ही डायबिटीज के मरीज हैं, आज तक किसी को ठेस नहीं पहुंचाई। ट्रायल के समय भी किसी से कुछ नहीं कहा। पहली बार जब सीबीआई ने समन किया तभी उन्होंने अपने पद से इस्तीफा दे दिया था।