खुफिया एजेंसियों ने आशंका जताई है कि रोहिंग्या मुसलमान समुद्री मार्ग से भारत में घुसने की कोशिश कर सकते हैं। ऐसे खतरों से निपटने के लिए भारतीय कोस्ट गार्ड जैसी महत्वपूर्ण समुद्री सुरक्षा एजेंसी अलर्ट पर है। कोस्ट गार्ड ने नए पोत आईसीजीएस विजय को इसके लिए बंगाल की खाड़ी में उतार दिया है।
ओडिशा और बंगाल के समुद्री क्षेत्र से सटे पूर्वी छोर पर अपनी निगरानी क्षमता को मजबूती देने के लिए कोस्ट गार्ड ने शुक्रवार को आईसीजीएस विजय को अपने बेड़े में शामिल किया है। पोत को कमीशन करने की प्रक्रिया चेन्नई में पूरी की गई। इस पोत को ओडिशा के पारादीप में तैनात किया जाएगा।
म्यांमार में वर्ष 2012 में स्थानीय बौद्ध समुदाय से झड़पें शुरू होने के बाद रोहिंग्या मुसलमानों ने म्यांमार छोड़ना शुरू किया। इसके चलते बड़े पैमाने पर हुए पलायन से भारत भी प्रभावित हुआ है। बड़ी संख्या में रोहिंग्या अवैध रूप से भारत में घुसकर असम, पश्चिम बंगाल, जम्मू, उत्तर प्रदेश और दिल्ली में रहने लगे हैं।
हाल ही में जम्मू में सुजवां सैन्य छावनी पर हमला करने के लिए आतंकवादियों ने रोहिंग्या बस्ती का इस्तेमाल किया। ये लोग उस इलाके में कुछ समय से रह रहे थे और उन्होंने वहां अपनी पूरी कालोनी बसा ली है।
आईसीजीएस विजया ऐसा दूसरा पोत है जिसका निर्माण लार्सन एंड टुब्रो द्वारा मेक इन इंडिया योजना के तहत किया गया है। यह 30 एमएम की तोप से लैस है, जो दो किलोमीटर की दूरी तक सटीक निशाना लगा सकती है।
कोस्ट गार्ड के लिए लार्सन एंड टुब्रो द्वारा चार ऐसे पोतों का निर्माण किया जा रहा है। ये पोत अगले कुछ वर्षों में बल में शामिल कर लिए जाएंगे। 26/11 के मुंबई आतंकी हमले के बाद कोस्ट गार्ड ने समुद्री सुरक्षा को लेकर अपनी भूमिका में काफी विस्तार किया है। इसके लिए बल में कई नए हथियारों एंव उपकरणों को शामिल किया जा रहा है। इनमें हेलीकॉप्टर और एयरक्राफ्ट भी शामिल हैं।
Last Updated Sep 19, 2018, 9:25 AM IST