सस्ते कर्ज के लिए इंतजार कर रहे देशवासियों को बैंकों से कर्ज लेना सस्ता हो सकता है। इसके लिए आरबीआई ने आगामी 21 फरवरी को बैंकों के अधिकारियों की बैठक बुलाई। ताकि कर्ज की ब्याज दरों पर कमी कर जनता को राहत मिल सके। रियल स्टेट सेक्टर भी आवास ऋण में ब्याज दरों में कम करने की मांग कर रहा है। 

रिजर्व बैंक ने हाल ही में रिवर्स रेपो रेट में कमी कर इस बात के संकेत दिए थे कि आने वाले दिनों में बैंकों से कर्ज लेना सस्ता हो सकता है। आरबीआई ने रिवर्स रेपो रेट में .25 फीसदी की कमी की थी और ये घटाकर 6.50 से 6.25 कर दिया था। जबकि आरबीआई के निदेशक मंडल में कुछ निदेशक इसे कम करने के पक्ष  में नहीं थे। लेकिन ज्यादातर लोगों ने कम कर पर सहमति जताई थी। आरबीआई द्वारा रिवर्स रेपो रेट की दरों को कम करने के बाद एसबीआई के अपने ब्याज दरों को कम किया था।

हालांकि ये कमी बहुत कम थी। लेकिन इससे बाजार में उम्मीद बढ़ गयी थी कि आने वाले दिनों में ब्याज दर कम हो सकती है। अब आरबीआई वाणिज्यिक बैंकों की ब्याज दरों को कम करना चाहता है। इसके लिए उसने आगामी 21 फरवरी को बैठक बुलाई है। जिसमें कर्ज की ब्याज दरों को कम करने के लिए आम सहमति बनाने पर विचार किया जाएगा। उधर आरबीआई ने वर्तमान वित्तीय सत्र के लिए अंतरिम लाभांश के रूप में सरकार को 28,000 करोड़ रपए देगा।

निदेशक मंडल ने 31 दिसम्बर, 2018 को समाप्त छमाही के लिये अंतरिम अधिशेष के रूप में केंद्र सरकार को 280 अरब रपए हस्तांतरित करने का निर्णय किया है। यह लगातार दूसरा साल है जब रिजर्व बैंक अंतरिम अधिशेष हस्तांतरित कर रहा है। उधर सोमवार को रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि  वह मुख्य दर ‘रेपो’ में कटौती का लाभ ग्राहकों तक पहुंचाने के बारे में चर्चा करने के लिए सार्वजनिक और निजी क्षेत्र के बैंक प्रमुखों से इस सप्ताह मुलाकात करेंगे।