भोपाल: मध्य प्रदेश की सबसे प्रतिष्ठित राजधानी की सीट पर कांग्रेस के दिग्गज नेता दिग्विजय सिंह और साध्वी प्रज्ञा में जबरदस्त मुकाबला है। मात्र कुछ महीनों पहले राजनीति में आई साध्वी ने दो बार मुख्यमंत्री रहे दिग्विजय सिंह को इतना कड़ा मुकाबला दिया कि वह भोपाल में बूथ मैनेजमेन्ट में ही उलझे रहे और अपना खुद का वोट नहीं डाल पाए। उन्होंने बयान दिया कि ‘मैं वोट डालने राजगढ़ नहीं पहुंच पाया, मुझे इसका खेद है। अगली बार मैं अपना नाम भोपाल में रजिस्टर करवाऊंगा’। 

दिग्विजय सिंह मतदान इसलिए नहीं कर पाए क्योंकि वह भोपाल लोकसभा सीट के मतदाता नहीं हैं। उनका नाम मध्यप्रदेश के राजगढ़ लोकसभा क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले उनके पैतृक कस्बे राघोगढ़ में पंजीबद्ध है। उनका नाम भोपाल की मतदाता सूची में है ही नहीं इसलिए वह मतदान ही नहीं कर पाए। 
हालांकि 70 वर्षीय दिग्विजय सिंह की पत्नी अमृता राय ने भोपाल में मतदान किया। 

दिग्विजय सिंह साल 1993 से 2003 तक दस साल मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री रह चुके हैं। पहले उनका कार्यक्रम हेलीकॉप्टर से राजगढ़ जाकर मतदान करने का था। लेकिन चुनाव आयोग ने मतदान के दिन हेलीकॉप्टर उड़ाने की अनुमति नहीं दी। 

वैसे दिग्विजय चाहते तो वह 24 घंटे के अंदर भोपाल की मतदाता सूची में अपना नाम डलवा कर वोट डाल सकते थे। लेकिन भोपाल सीट पर साध्वी प्रज्ञा द्वारा कड़ी टक्कर मिलने के कारण वह आखिर समय तक अपना चुनाव ही मैनेज करते रह गए।