बसों को भेजने के दावे के बाद कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा की किरकिरी हो रही है। हालांकि कुछ दिनों पर पहले ही कांग्रेस और सोनिया गांधी की उनके संसदीय क्षेत्र रायबरेली में ही किरकिरी हुई थी जिसमें जिले में पहुंचे प्रवासियों ने सोनिया गांधी और कांग्रेस से ट्रेन का किराया मांगा था और कांग्रेस पर आरोप लगाया था कि उसने ट्रेन का किराया नहीं दिया है।
लखनऊ। उत्तर प्रदेश में प्रवासियों को बसों से लाने के कांग्रेस के दावे पूरी तरह से फेल हो गए हैं। उत्तर प्रदेश सरकार का दावा है कि कांग्रेस ने बसों की जो सूची यूपी सरकार को मुहैया कराई है उसमें बसों के साथ ही कार और दो पहिया वाहनों के रजिस्ट्रेशन नंबर है। भाजपा ने इसे कांग्रेस का बस घोटाला बताया है। फिलहाल बसों को भेजने को लेकर राज्य में राजनीति शुरू हो गई है। हालांकि बसों को भेजने के दावे के बाद कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा की किरकिरी हो रही है। हालांकि कुछ दिनों पर पहले ही कांग्रेस और सोनिया गांधी की उनके संसदीय क्षेत्र रायबरेली में ही किरकिरी हुई थी जिसमें जिले में पहुंचे प्रवासियों ने सोनिया गांधी और कांग्रेस से ट्रेन का किराया मांगा था और कांग्रेस पर आरोप लगाया था कि उसने ट्रेन का किराया नहीं दिया है।
उत्तर प्रदेश सरकार ने मंगलवार को दावा किया कि कांग्रेस जिन 1,000 बसों की सूची राज्य सरकार को दी है। उसमें दोपहिया और कारों के पंजीकरण नंबर शामिल हैं। यूपी सरकार ने कांग्रेस से बसों के नंबर, चालक के नाम समेत कई तरह की जानकारी मांगी थी। लेकिन कांग्रेस ने आज तक के लिए इसका समय मांगा था। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के मीडिया सलाहकार मृत्युंजय कुमार ने कहा कांग्रेस द्वारा प्रदान की गई बसों की सूची में, मोटरसाइकिल, तिपहिया वाहन, एक एम्बुलेंस और निजी कारों के पंजीकरण नंबर हैं।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने सूची में एक कार, एक एम्बुलेंस और चार तीन पहिया वाहनों के पंजीकरण संख्या का उल्लेख किया और इसका विवरण mParivahan ऐप से प्राप्त किए जा सकते हैं।गए थे। इस बीच राज्य सरकार के प्रवक्ता सिद्धार्थ नाथ सिंह ने मीडिया से कहा कि कांग्रेस इस तरह के 'धोखाधड़ी और जालसाजी' की राजनीति कर रही है और इसकी निंदा की जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को अपने बच्चों, प्रियंका गांधी वाड्रा और राहुल गांधी के कार्यों का जवाब देना चाहिए। यह माफ करने वाला नहीं है और ये लोग प्रवासियों के नाम पर राजनीति कर रहे हैं। कांग्रेस को देश से माफी मांगनी चाहिए।
ऐसा कोई बचा नहीं, कांग्रेस ने जिसे ठगा नहीं#CongressKaBusGhotala pic.twitter.com/6e3S2UfEN7
— BJP Uttar Pradesh (@BJP4UP) May 19, 2020
वहीं कांग्रेस के प्रवक्ता ने दावा किया है कि पार्टी ने 1,000 बसें भेजी हैं और राज्य सरकार चाहे तो सीमा पर वाहनों का भौतिक सत्यापन कर सकते हैं। कल ही यूपी सरकार ने कांग्रेस के इस प्रस्ताव को स्वीकार किया था और पार्टी से बसों और उसके चालकों की एक सूची देने का कहा था। राज्य सरकार ने कांग्रेस से गाजियाबाद के कौशांबी बस स्टेशन पर 500 और एक्सपो मार्ट मैदान नोएडा 500 बसें भेजने के लिए कहा था। लेकिन कांग्रेस इन बसों को वहां पर नहीं पहुंचा सकी।
भाजपा ने कहा कि ये यूपी में कांग्रेस का बस घोटाला है। उधर यूपीसीसी प्रमुख और पार्टी विधायक अजय कुमार लल्लू ने कहा कि राज्य सरकार क्षुद्र राजनीति में लिप्त है। राज्य सरकार लोगों को भ्रमित करने की कोशिश कर रही है, वे जानबूझकर राजनीति करने के लिए नकली नंबर बना रहे हैं। उधर कांग्रेस ने दावा किया है कि आगरा जिला प्रशासन ने सीमा पर बसों को प्रवेश करने से रोक दिया है। गौरतलब है कि पिछले दिनों ही कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने प्रवासियों का ट्रेन का किराया देने का दावा किया था। लेकिन रायबरेली पहुंचे प्रवासियों ने इसके लिए रायबरेली में ही सोनिया गांधी के खिलाफ किराना नहीं देना का आरोप लगाया था और किराया देने की मांग की थी।
Last Updated May 19, 2020, 6:23 PM IST