कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के बीच दिल्ली में लोकसभा चुनाव के लिए गठबंधन बनाने की कोशिश अभी भी चल रही हैं। कांग्रेस का एक धड़ा आप के साथ गठबंधन की तरफदारी कर रहा है वहीं दूसरा धड़ा इसके खिलाफ है। फिलहाल आप को लेकर कांग्रेस में दो फाड़ हो गए हैं।  वहीं आप भी दिल्ली में गठबंधन करने के लिए राजी हो गयी है। जबकि वह पहले पांच राज्यों में कांग्रेस से गठबंधन चाहती थी।

कांग्रेस व आम आदमी पार्टी के साथ गठबंधन को लेकर अनिर्णय की स्थिति के बीच कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष शीला दीक्षित और प्रभारी पीसी चाको के साथ एक अहम बैठक की। हालांकि इस बैठक में कोई नतीजा नहीं निकला। लेकिन पार्टी का एक धड़ा आप के साथ गठबंधन की तरफदारी कर रहा है। वहीं दिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित इस गठबंधन के पूरी तरफ खिलाफ है। लेकिन दूसरे धड़े को उम्मीद है कि दिल्ली में आप के साथ कांग्रेस का गठबंधन हो जाएगा। दिल्ली में लोकसभा की सात सीटें हैं और यहां पर 12 मई को मतदान होना है। हालांकि दोनों दलों के पास समय काफी है।

लिहाजा गठबंधन की उम्मीदें बरकरार हैं। हालांकि कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने पार्टी का घोषणा पत्र जारी करने का समय कहा कि गठबंधन को लेकर किसी भी तरह का परहेज नहीं है। दोनों दलों के नेता कुछ दिनों में स्पष्ट घोषणा की उम्मीद लगा रहे हैं। फिलहाल गठबंधन होने की स्थिति में कांग्रेस को तीन व आम आदमी पार्टी को चार सीट मिलने की उम्मीद है। हालांकि आप ने सभी सातों सीटों पर अपने प्रत्याशियों की घोषणा कर दी है जबकि कांग्रेस ने किसी को घोषणा नहीं की है। वहीं दिल्ली प्रदेश कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष अजय माकन ने कहा कि अगर कांग्रेस का आप के साथ गठबंधन नहीं होता है तो वह चुनाव नहीं लड़ेगे। इसके माकन की शीला पर दबाव की राजनीति के तौर पर देखा जा रहा है।

हालांकि दो दिन पहले आम आदमी पार्टी ने कांग्रेस पर दबाव बनाते हुए कहा कि पार्टी दिल्ली के साथ-साथ हरियाणा और पंजाब समेत पांच राज्यों में गठबंधन चाहती है। अगर ऐसा नहीं होता है तो वह गठबंधन नहीं करेगी। लेकिन पार्टी दिल्ली में गठबंधन कर चुनाव लड़ना चाहता है।