आगामी लोकसभा चुनावों के लिए कांग्रेस ने तैयारियां शुरू कर दी हैं। अपनी रणनीति के तहत कांग्रेस ने राज्य के बड़े चेहरों को चुनाव में उतारने की तैयारी है। जो राज्य के जाने-पहचाने चेहरे हैं। इन नेताओं को राज्य की वीआईपी लोकसभा सीटों से चुनाव लड़ाया जाएगा। हालांकि कांग्रेस भाजपा और अन्य दलों से आने वाले पैराशूट नेताओं पर भी दांव खेलेगी, ताकि उनके बल पर आंकड़े में इजाफा किया जा सके।

राज्य में कांग्रेस पार्टी ने भाजपा की तर्ज पर बड़े नेताओं को उतारने की तैयारी की है। राज्य में कांग्रेस उन नेताओं पर दांव खेलेगी जो राज्य के जाने पहचाने चेहरे हैं। इसके साथ ही पार्टी इन नेताओं को उन सीटों से उतारेगी जो वीआईपी सीट होंगी। राज्य में कांग्रेस खासतौर से प्रमोद तिवारी, पीएल पुनिया, श्रीप्रकाश जायसवाल, जतिन प्रसाद, राजबब्बर और संजय सिंह जैसे कांग्रेसी नेताओं को चुनावी मैदान में उतारेगी। हालांकि इन नेताओं अपने अपने क्षेत्रों में तैयारी करने को कहा गया है। जहां से पहले ये नेता जीत चुके। हाल में प्रियंका गांधी की इंट्री के बाद कांग्रेसियों के हौसले काफी बुलंद हैं और कांग्रेस को लगता है कि वह छोटे दलों के साथ गठबंधन कर राज्य में अच्छा प्रदर्शन कर सकती है।

राज्य में सत्ता जाने के बाद कांग्रेस ने पहली बार 2009 में अच्छा प्रदर्शन कर सबको चौंका दिया था। लोकसभा चुनाव 2009 में कांग्रेस राज्य में 20 सीटें जीती थी जबकि 2014 में ये आंकड़ा महज दो सीटों पर सिमट गया था। कांग्रेस वाराणसी सीट पर पुराने कांग्रेसी दिग्गज को उतराना चाहती है। क्योंकि नरेन्द्र मोदी के इस सीट से लड़ा जाना तय माना जा रहा है। हालांकि अभी तक ये तय नहीं हो पाया है कि कांग्रेस इस सीट पर किसे उतारेगी। यहां पर अजय राय, लोकसभा चुनाव 2009 में जीते राजेश मिश्र और पूर्व विधायक ललितेशपति त्रिपाठी का नाम चर्चा में है। हालांकि इन तीनों में टिकट किसे मिलेगा, वह इस बात पर निर्भर करेगा कि इन तीनों में से किसकी स्थानीय स्तर पर ज्यादा पकड़ है और प्रियंका गांधी से उसकी कितनी निकटता है।

क्योंकि पूर्व उत्तर प्रदेश के टिकटों का वितरण प्रियंका की रजामंदी से ही होगा। वहीं 2009 में ही बाराबंकी से सांसद रहे पीएल पुनिया को भी कांग्रेस फिर से चुनाव लड़ाना चाहती है। हालांकि अभी पीएल पुनिया राज्यसभा में हैं। लेकिन राज्य में बाराबंकी और बहराइच सीट से उनके लड़ने की चर्चा चल रही है। ये दोनों सीटें रिजर्व हैं। वहीं मौजूदा प्रदेश अध्यक्ष राजबब्बर भी आगरा सीट से चुनाव जीतकर लोकसभा में पहुंचे थे। लेकिन ऐसा कहा जा रहा है कि राजबब्बर मुंबई से लड़ना चाहते हैं लेकिन पार्टी उन्हें उनकी परंपरागत सीट आगरा से लड़ने के पक्ष में है। वहीं संजय सिंह को सुल्तानपुर से तो प्रमोद तिवारी को प्रतापगढ़ से चुनाव लड़ाने की बात कही जा रही है।