आगामी लोकसभा चुनाव से पहले भाजपा ने कांग्रेस को इस मामले में चित कर दिया है. कांग्रेस नेता का दावा है कि भाजपा ने चुनाव शुरू होने से पहले ही कांग्रेस को मैदान में परास्त कर दिया है. असल में कांग्रेस नेता आनंद शर्मा का दावा है कि चुनाव से पहले भाजपा ने सभी प्राइवेट चार्टर्ड प्लेन और हेलीकॉप्टर बुक करा लिए हैं, जिसके कारण उसे आगामी चुनाव में पार्टी नेताओं को प्रचार करने में दिक्कत हो सकती है.

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता आनंद शर्मा ने दावा किया कि आगामी लोकसभा चुनाव में प्रचार के मकसद भाजपा ने सभी निजी चार्टर्ड विमानों एवं हेलीकॉप्टरों की बुकिंग कर ली है. जिसके कारण बाजार में कांग्रेस को प्रचार के लिए निजी विमान और हेलीकॉप्टर नहीं मिल रहे हैं. उनका कहना है कि इसके कारण कांग्रेस को प्रचार के दौरान आने जाने के लिए संघर्ष करना पड़ेगा.  शर्मा ने कहा कि पार्टी भाजपा से चुनावी संसाधनों की तुलना में प्रतियोगिता तो नहीं कर सकती है, लेकिन पार्टी कोशिश कर रही है कि आगामी लोकसभा चुनाव में उसे प्रचार के दौरान किसी भी तरह की दिक्कत न हो.

उन्होंने दावा किया कि यह भाजपा ने एक साजिश के तहत किया है ताकि कांग्रेस को प्रचार में दिक्कत हो. शर्मा ने कहा कि चुनाव के लिए तकरीबन सारे चाटर्ड विमान और हेलीकॉप्टर बुक करा लिए हैं. आनंद शर्मा ने यह भी कहा कि लोकसभा चुनाव के लिए कांग्रेस के प्रचार अभियान की पूरी रूपरेखा फरवरी के आखिर में सामने आ जाएगी. उन्होंने कहा कि चुनावी घोषणा पत्र में कांग्रेस देश को नयी दिशा देने तथा समस्याओं के समाधान का उल्लेख होगा. उन्होंने कहा कि इसके लिए कांग्रेस अन्य विकल्पों पर विचार कर रही है.ताकि चुनाव के दौरान उसे दिक्कत हो. उन्होंने कहा कि चुनाव के दौरान बड़े नेताओं को इधर उधर जाने के लिए विमानों की जरूरत होती है. 

रतलब है कि तीन राज्यों में सरकार बनने के बाद भी कांग्रेस फंड को लेकर खुद को बहुत पीछे बता रही है. पिछले साल ही कांग्रेस ने मोतीलाल बोरा को पार्टी के कोषाध्यक्ष से हटाकर रणनीतिकार अहमद पटेल को पार्टी का कोषाध्यक्ष बनाया था. लेकिन उसके बावजूद उद्योगपति पार्टी को फंड नहीं दे रहे हैं. हालांकि तीन राज्यों में सरकार बनने के बाद कांग्रेस के पार्टी फंड के लिए पैसा मिलना शुरू हो गया है. शर्मा ने आरोप लगाया कि भाजपा ने पिछले चुनावों में विज्ञापनों पर करीब 4,297 करोड़ रुपए खर्च किए हैं जो किसी मल्टीनेशनल कंपनियों से अधिक हैं. निजी कंपनियों से मिलने वाले चुनावी फंड में भाजपा को 95 फीसदी हिस्सा मिल रहा है.