लोकसभा चुनाव के नजदीक आते ही एक तरफ जहां कांग्रेस अपने वोट बैंक को एकजुट करने की कोशिशों में जुटी है, वहीं दूसरी तरफ उसके नेताओं की तरफ से बेतुकी बयानबाजी लगातार जारी है। अल्पसंख्यक समुदाय के वोट बैंक को इकट्ठा करने के लिए कांग्रेस के अल्पसंख्यक विभाग की तरफ से ऑब्जर्वर बनाकर जम्मू-कश्मीर भेजे गए वरिष्ठ नेता हाजी सगीर सईद खान के एक बयान से विवाद खड़ा हो गया है। 

जम्मू में एक प्रेस वार्ता में हाजी सैयद खान ने कहा कि उन्हें पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी और अल्पसंख्यक विभाग के राष्ट्रीय अध्यक्ष नदीम जावेद ने जम्मू भेजा है। उन्होंने कहा कि कश्मीर में मारे गए 'निर्दोष' लोगों को परिजनों को 1-1 करोड़ रुपये की सहायता राशि दी जाएगी।

उन्होंने कहा, 'कश्मीर जो जन्नत कहलाता था आज चारों तरफ लाशों से पटा पड़ा है। भाजपा जिस तरह के जुल्म यहां के लोगों पर ढा रही है, यहां जो निर्दोष लोग मारे गए हैं, उन सभी को कांग्रेस की सरकार आने के बाद एक-एक करोड़ रुपये का मुआवजा और परिवार के एक सदस्य को नौकरी दी जाएगी। ऐसे ही जो लोग आतंकवाद के नाम पर जेल में बंद हैं, उनको जेल से रिहा किया जाएगा। सबको छोड़ा जाएगा। भाजपा के जिन लोगों ने यहां कत्लेआम मचाया है, वह चाहे कितने ही बड़े नेता ही क्यों न हों, कानून बनाकर उन्हें फांसी के फंदे पर लेकर जाया जाएगा।'  उनके इस बयान से पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी के लिए मुश्किल खड़ी हो सकती है। यह बयान उनकी हिंदुओं को साधने की कोशिश को नुकसान पहुंचा सकता है।

वह यहीं नहीं रुके, उन्होंने कहा, सेना सरकार का आदेश मानती है। उन्हें जैसा कहा जा रहा है, वह वैसा ही कर रही है। आप देखेंगे कि जीतू नाम का  एक फौजी आरएसएस के हिंदू आतंकवाद से इतना प्रेरित हुआ कि उसने बुलंदशहर जाकर सुबोध कुमार नाम के एक इंस्पेक्टर की हत्या कर दी।' 

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कांग्रेस बैकफुट पर 

इस बयान के बाद जहां एक तरफ कांग्रेस की कड़ी आलोचना हो रही है वहीं अब पार्टी के प्रदेश के कई वरिष्ठ नेता भी मीडिया से बचते हुए दिखाई दे रहे हैं। पार्टी अब बैकफुट पर दिखाई दे रही है। 'माय नेशन' ने जब इस बयान को लेकर कांग्रेस का पक्ष जानना चाहा तो जम्मू-कश्मीर प्रदेश प्रवक्ता रविंदर  शर्मा ने कहा कि यह उनका अपना विचार है। पार्टी इस बयान का समर्थन नहीं करती। 

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उधर, पार्टी के नेता विक्रम मल्होत्रा ने कहा कि हाजी खान के बयान को लेकर कांग्रेस नेतृत्व और अल्पसंख्यक विभाग से शिकायत की गई है। उनके खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की गई है। 

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