नई दिल्ली। देश के पहले चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) को लेकर अब राजनीति शुरू हो गई है। कांग्रेस को देश के पहले सीडीएस जनरल बिपिन रावत की नियुक्ति में राजनीति नजर आ रही है। लेकिन कांग्रेस की इस राजनीति पर पूर्व सैन्य अफसरों ने उसे जमकर तलाड़ लगाई है। पूर्व सैन्य अफसरों का कहना है कि रावत की नियुक्ति 'वैचारिक झुकाव' की वजह से की गई है। वहीं सैन्य अफसरों ने कांग्रेस सरकारों में सीडीएस की नियुक्ति न होने पर सवाल उठाए जबकि तीन बड़े युद्ध कांग्रेस सरकार के दौरान ही हुए हैं।

कांग्रेस ने सीडीएस के पद पर विपिन रावत की नियुक्ति पर सवाल उठाए हैं। कांग्रेस  ने साफ कहा कि रावत की नियुक्ति वैचारिक झुकाव के कारण हुई है। असल में पिछले तीन सालों से विपिन रावत लगातार बयान देते आए हैं। हालांकि उन्होंने अभी तक राजनीति को लेकर किसी भी तरह का बयान नहीं दिया है। लेकिन तीन पहले रावत युवाओं को लेकर बयान दिया था कहा था कि नेता ऐसे नहीं होते हैं। जो युवाओं को भटकाए।

हालांकि कांग्रेस के आरोप के के बाद पूर्व सैनिकों ने उसे घेरना शुरू कर दिया है। पूर्व मंत्री और भाजपा सांसद कर्नल राज्यवर्धन सिंह राठौड़ ने कहा कि कांग्रेस राष्ट्रीय सुरक्षा से खिलवाड़ कर रही है और अपने आकाओं को खुश करने के लिए कांग्रेस नेता इस तरह के आरोप लगाते हैं। राठौर ने कहा कि तीनों सेना के प्रमुखों, रक्षा सचिव और सीडीएस की भूमिका अच्छी तरह निर्धारित है। किसी का किसी की सीमा में कोई दखल नहीं है।

मिश्रा  कहा कि सीडीएस की नियुक्ति ऑगर्नाइजेशनल, इंटिग्रेशनल, लॉजिस्टिक्स और ऑपरेशनल मोर्चे पर है। ये मांग कई सालों से की जा रही थी, लेकिन अब पूरी हुई है। मिश्रा ने कहा कि सीडीएस का पद राष्ट्र की शक्ति और राष्ट्रीय हित में बैलेंस बनाने के लिए होता है। भारत के अलावा कई देशों में सीडीएस का पद है, जिससे वो मजबूत हुए हैं।