कांग्रेस स्टाइल की राजनीति का एक और घिनौना चेहरा सामने आया है। पिछले दिनों गुजरात में यूपी-बिहार के लोगों पर जो हमले हो रहे थे। उसके पीछे के कांग्रेसी मास्टरमाइंड का खुलासा हो चुका है। आईए आपको बताते हैं, कि कैसे कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी और उनके खास सिपहसालार की की घृणा की राजनीति ने हजारो घरों का चूल्हा बुझा दिया।
कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी प्रधानमंत्री बनने के लिए बेताब हैं और उनके समर्थक इस मकसद के लिए किसी भी हद तक जाने के लिए तैयार हैं। भले ही इसके लिए लाखों लोगों के पेट पर लात क्यों न मारनी पड़े। हजारों गरीब मजदूरों की जान से क्यों ने खेलना पड़े।
गुजरात की एक घटना से फिर कुछ ऐसा ही साबित हुआ है। यहां पिछले कुछ दिनों से यहां यूपी-बिहार के मजदूरों के खिलाफ हिंसा हो रही है। हालांकि इसकी वजह एक मासूम बच्ची से रेप की आपराधिक घटना थी। जिसका आरोपी पुलिस की गिरफ्त में है।
लेकिन गुजरात कांग्रेस के बड़े नेता और कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के सिपहसालार अल्पेश ठाकोर ने इसको बहाना बनाकर हिंसा भड़कानी शुरु कर दी और यूपी-बिहार के सभी लोगों को निशाना बनाना शुरु कर दिया।
आईए आपको सुनाते हैं अल्पेश ठाकोर का नफरत फैलाने वाला वह भाषण---
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अल्पेश ठाकोर कांग्रेस के विधायक हैं और बिहार कांग्रेस के सह-प्रभारी भी हैं। गुजराती में दिए गए अपने भाषण में वह बोल रहे हैं, ‘बाहर के जो तमाम यहां आते है, क्राइम करते हैं, उनकी वजह से अपराध बढ़ा है, गांव में टकराव बढा है। गांवों के सामान्य लोगों को मारते है और अपराध करके वापस चले जाते है। ऐसे लोगों के लिए क्या हमारा गुजरात है? इन कंपनियों के ट्रक भी रोके जाएंगे और उनका दरवाजा भी टूटेगा। आप में से कितने लड़ने के मूड में हैं, बाद में ऐसा ना हो कि पीछे हटने की नौबत ना आए। कंटेनर औऱ ट्रक को रोका जाएगा और जरूरत पड़ी तो ट्रकों के टायर भी काटे जाएंगे’।
एक तरफ तो कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के खास सिपहसालार अल्पेश ठाकोर गुजरात में यूपी-बिहार के लोगों के खिलाफ हिंसा फैला रहे थे। वहीं राहुल गांधी इस मामले में अपनी राजनीति चमकाने में जुटे हुए थे।
ग़रीबी से बड़ी कोई दहशत नहीं है| गुजरात में हो रहे हिंसा की जड़ वहाँ के बंद पड़े कारख़ाने और बेरोज़गारी है|
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) 8 अक्तूबर 2018
व्यवस्था और अर्थव्यवस्था दोनो चरमरा रही है|
प्रवासी श्रमिकों को इसका निशाना बनाना पूर्णत ग़लत है| मैं पूरी तरह से इसके ख़िलाफ़ खड़ा रहूँगा| pic.twitter.com/yLabmmZDwk
अपने अध्यक्ष की शह पर कांग्रेस के छुटभैये नेताओं ने इस मामले में सीधा प्रधानमंत्री पर हमले का दुस्साहस शुरु कर दिया।
DGP Gujrat saying that North Indians are going for festivals to their home town and not being forced to leave.Its big lie.Diwali & Chhath holidays will start after one month.Not now.#BJP is forcing them to flee and defaming Congress MLA.
— Sanjay Nirupam (@sanjaynirupam) 8 अक्तूबर 2018
Modiji,stop this parochial politics.
उधर साजिश करके राज्य की कानून और व्यवस्था ध्वस्त होने से गुजरात सरकार एक बार तो सकते में आ गई। क्योंकि उन्हें अंदेशा ही नहीं था, कि कोई अपने राजनीतिक लाभ के लिए लाखों लोगों की जिंदगी और रोजी-रोटी से भी खिलवाड़ कर सकता है।
लेकिन इसके तुरंत बाद गुजरात सरकार की मशीनरी हरकत में आई और पूरी सख्ती से दंगाईयों को सजा देने में जुट गई। विभिन्न इलाकों में अब तक 56(छप्पन) एफआईआर दर्ज करा दी गई है और 431 आरोपियों को गिरफ्तार भी कर लिया गया है। जिसमें अल्पेश ठाकोर का नजदीकी सहयोगी माहोर ठाकोर और उसके चार साथी भी हैं। जिन्होंने वीडियो जारी करके उवारसद गांव में बसे उत्तर भारतीयों को 24 घंटे में गुजरात छोड़ देने की धमकी दी थी।
इन गिरफ्तारियों के बाद से हिंसा की घटनाओं मे कमी देखी जा रही है।
कांग्रेस की साजिश सामने आने के बाद गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रुपानी ने बेहद सख्ती दिखाई है। उन्होंने गुजरात में हिंसा भड़काने के लिए राहुल गांधी को पूरी तरह जिम्मेदार करार दिया है।
If the Congress President is against the violence in Gujarat, he needs to take action against its own members who incited violence against the migrants in Gujarat.
— Vijay Rupani (@vijayrupanibjp) 8 अक्तूबर 2018
Tweeting is not the solution, taking action is! But will he act?
गुजरात में हिंसा भड़काने में अपनी भूमिका सामने आने के बाद कांग्रेस विधायक अल्पेश ठाकोर अब मिमियाने लगे हैं। वह अपने बीमार बच्चे की दुहाई देते हुए हाथ जोड़ रहे हैं।
लेकिन उनकी करतूत की वजह से गुजरात में हजारो गरीबों के चूल्हे बुझ गए और राज्य के उद्योग धंधों को करोड़ों की चपत लगी है। अल्पेश ठाकोर एक साल पहले अक्टूबर 2017 में भव्य समारोह में कांग्रेस में शामिल हुए थे। उन्हें खुद राहुल गांधी ने पार्टी में शामिल किया था। जिसके बाद अल्पेश को कांग्रेस की ओर से विधानसभा का टिकट दिया गया और वह जीते भी।
लेकिन अल्पेश की नफरत फैलाने की हरकत ने पूरे उत्तर भारत में कांग्रेस को बैकफुट पर ला दिया है। कांग्रेस नेताओं ने गुजरात में जो किया है उसका सच सामने आने के बाद पूरे उत्तर भारत में बेहद नाराजगी की लहर है।
दरअसल यह कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी की एक और बचकानी हरकत को सबूत है। जिसमें उनकी टीम ने अल्पकालिक राजनीतिक फायदे के लिए बिना परिणाम सोचे एक आपराधिक घटना को मुद्दा बनाकर सभी उत्तर भारतीयों को निशाना बनाना शुरु कर दिया।
उन्हें लगता था, कि ऐसा करके वह गुजरात से आने वाले प्रधानमंत्री की छवि उत्तर भारत में खराब कर पाने में सफल रहेंगे।
लेकिन तकनीक के इस युग में सच को ज्यादा वक्त तक छिपाया नहीं जा सकता। अल्पेश के भड़काऊ भाषण का वीडियो सामने आते ही कांग्रेस की साजिश की कलई खुल गई।
लेकिन बड़ा सवाल यह खड़ा होता दिख रहा है, कि क्या महज राजनीतिक फायदे के लिए कोई इतना भी नीचे गिर सकता है।
कांग्रेस की साजिश ने गुजरात के जिस कामगार जनता की रोजी रोटी छीनी है और जिन व्यापारियों के उद्योगों को नुकसान पहुंचाया है, उनकी नाराजगी का असर आने वाले लोकसभा चुनाव में राहुल गांधी को दिख जाएगा।
Last Updated Oct 9, 2018, 3:32 PM IST