नई दिल्ली।

गुजरात में भाजपा के धुर विरोधी माने जाने वाले कांग्रेस विधायक अल्‍पेश ठाकोर जल्द ही भाजपा में शामिल हो सकते हैं। ठाकोर को राज्य की भाजपा सरकार में मंत्री बनाया जा सकता है। कुछ दिन पहले ही कांग्रेस की विधायक आशा बेन पटेल कांग्रेस में शामिल हुई थी। जिसे राज्य कांग्रेस के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है।

आगामी लोकसभा चुनाव को देखते हुए राज्य में राजनैतिक घटनाक्रम तेजी से बदल रहा है। कांग्रेस विधायक राज्य में भाजपा में शामिल हो रहे हैं। हाल ही में कांग्रेस की मेहसाणा से विधायक आशा बेन ने कांग्रेस को छोड़ा था जो हार्दिक पटेल की करीबी नेता मानी जाती थी। वहीं अब राज्य में कल्पेश ठाकोर के कांग्रेस को छोड़ने की खबरें तेजी से आ रही हैं। जो आने वाले समय में कांग्रेस के लिए बड़ा झटका हो सकता है। राज्य में इस बात की चर्चा है कि अल्‍पेश को सरकार में सीधे मंत्री बनाया जा सकता है। लिहाजा इसके लिए तैयारियों भी शुरू हो गयी हैं पहले कल्पेश भाजपा में शामिल होंगे और फिर उसके बाद वह मंत्रिमंडल में शामिल होंगे। ठाकोर को भाजपा का विरोधी माना जाता है।

राज्य में पिछले कुछ दिनों के दौरान कई स्थानीय कांग्रेसी नेता भाजपा का दामन थाम चुके हैं। गुजरात विधानसभा चुनाव में कांग्रेस का प्रचार करने वाले ओबीसी नेता और पार्टी विधायक अल्पेश ठाकोर बहुत जल्‍द भाजपा में शामिल होने वाले हैं। ऐसी चर्चा है कि अल्‍पेश के साथ कांग्रेस के कई और विधायक भी भाजपा में शामिल हो सकते हैं। 

जानें कौन हैं अल्पेश ठाकोर

गुजरात विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के विधायक अल्पेश ठाकोर ने कुछ दिन पहले खुद को दरकिनार किए जाने का आरोप लगाया था। वहीं भाजपा के विधायक हकुभा जडेजा को मंत्री बनाये जाने की खबर है। वह राज्य में ओबीसी के नेता माने जाते हैं और पाटीदार आंदोलन के दौरा उन्होंने हार्दिक पटेल को समर्थन दिया था और उसके बाद विधानसभा चुनाव लड़ा था। राज्य में हुए राज्यसभा चुनाव के वक्त कांग्रेस से इस्तीफा देकर भाजपा में शामिल हुए थे। वहीं कांग्रेस विधायक आशाबेन पटेल भी कांग्रेस छोड़ चुकी हैं।

गौरतलब है कि कांग्रेस विधायक आशा बेन पटेल के कांग्रेस छोड़ने को बड़ा झटका माना जा रहा है। असल में आशा को भाजपा में शामिल करने के लिए आगामी लोकसभा चुनाव में पाटीदारों के बीच हार्दिक की काट के तौर पर देखा जा रहा है। आशा को हार्दिक का करीबी माना जाता है। जो कांग्रेस को राज्य में समर्थन दे रहे हैं और भाजपा के खिलाफ माहौल तैयार कर रहे हैं। आशा बेन सवर्ण आरक्षण को लेकर नरेन्द्र मोदी की तारीफ भी कर चुकी हैं। आशा बेन पटेल ने एक दिन पहले ही गुजरात कांग्रेस से इस्तीफा दिया था। हार्दिक को कांग्रेस का करीबी माना जाता है और कहा जा रहा है कि हार्दिक आगामी लोकसभा चुनाव कांग्रेस के टिकट पर लड़ सकते हैं या फिर कांग्रेस उन्हें पीछे से समर्थन दे सकती है।

आशा बेन पटेल का विधानसभा सीट से इस्तीफा तो स्वीकार हो चुका है और इससे कांग्रेस को विधानसभा में नुकसान तो ही रहा है। लेकिन आगामी चुनाव में भी पार्टी को भी जबरदस्त नुकसान उठाना पड़ सकता है। कांग्रेस पूरी तरह से आशा बेन को भाजपा में जाने से रोकना चाहती है। लेकिन उनका भाजपा में शामिल होना तय है और पार्टी उन्हें हार्दिक के खिलाफ खड़ा करना चाहती है। विधानसभा चुनाव में हार्दिक ने कांग्रेस को समर्थन दिया था और जिसे कारण राज्य में कांग्रेस ने अच्छा प्रदर्शन किया। आशा बेन पटेल आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के लिए 10 प्रतिशत आरक्षण के केंद्र के फैसले को लेकर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की तारीफ भी कर चुकी हैं।