असल में कांग्रेस इस अपने गठबंधन में प्रकाश अंबेडकर की अगुवाई वाली वंचित बहुजन मोर्चा को लाना चाहती थी। लेकिन उन्होंने भी राज्य में अपने लिए एक तिहाई सीटों की मांग कर दी। जिसके बाद कांग्रेस ने उनके प्रस्ताव को नामंजूर कर दिया है। फिलहाल राज्य में कांग्रेस के लिए वंचित बहुजन मोर्चा से गठबंधन की संभावना खत्म हो गई है। हालांकि राज्य में कांग्रेस की मुश्किलें पहले से ही बढ़ी हैं।
कांग्रेस राज्य में भाजपा के खिलाफ गठबंधन बनाना चाहती है। ताकि मिलकर चुनाव लड़ सकें। लेकिन कांग्रेस को राज्य में सहयोगी दल नहीं मिल रहे हैं। जिसके कारण राज्य में कांग्रेस को भाजपा और शिवसेना को चुनौती देना आसान न होगा।
असल में कांग्रेस इस अपने गठबंधन में प्रकाश अंबेडकर की अगुवाई वाली वंचित बहुजन मोर्चा को लाना चाहती थी। लेकिन उन्होंने भी राज्य में अपने लिए एक तिहाई सीटों की मांग कर दी। जिसके बाद कांग्रेस ने उनके प्रस्ताव को नामंजूर कर दिया है। फिलहाल राज्य में कांग्रेस के लिए वंचित बहुजन मोर्चा से गठबंधन की संभावना खत्म हो गई है।
हालांकि राज्य में कांग्रेस की मुश्किलें पहले से ही बढ़ी हैं। क्योंकि शरद पवार भी राज्य में लोकसभा के प्रदर्शन के आधार पर सीटें मांग रहे हैं। पवार ने कुछ दिन पहले कहा था कि राज्य में लोकसभा चुनाव में उनकी पार्टी ने एनसीपी ने चार सीटें जीती हैं जबकि कांग्रेस को महज एक सीट मिली है। लिहाजा इस आधार पर एनसीपी को ज्यादा सीटें मिलनी चाहिए।
हालांकि कांग्रेस ने उन्हें ज्यादा सीटें न देने का फैसला किया है। लेकिन इतना तय है कि दोनों दल भाजपा से मुकाबला करने के लिए मिलकर चुनाव जरूर लड़ेंगे। असल में कहा जा रहा है कि प्रकाश अम्बेडकर विदर्भ और मराठावाडा के नेता हैं, लेकिन वो सीटें पूरे प्रदेश में मांग रहे हैं।
जिसके कारण कांग्रेस ने उनके प्रस्ताव को मंजूर नहीं किया है। हालांकि राज्य में कांग्रेस की राज ठाकरे मनसे से भी नजदीकियां बढ़ी हैं वह कांग्रेस से गठबंधन करने के इच्छुक है। लेकिन मनसे की राज्य में उतनी पकड़ नहीं है। वह वोट तो काट सकते हैं लेकिन पार्टी का चुनाव जीतना मनसे के बस में नहीं है।
Last Updated Jul 25, 2019, 5:16 PM IST