नई दिल्ली: राहुल गांधी के इस्तीफा देने के बाद कांग्रेस पार्टी में अभी तक अध्यक्ष का चुनाव नहीं हो पाया है। नए अध्यक्ष के नाम पर अटकलें अभी भी जारी हैं। हफ्तों से कई नामों पर चर्चा जारी है, लेकिन कोई भी नाम फाइनल नहीं हो पा रहा है। 

इसकी वजह यह है कि राहुल गांधी ने सभी कांग्रेस नेताओं को ताकीद कर रखी है कि वह नए अध्यक्ष के नाम का सुझाव देते समय यह ध्यान रखें कि वह गांधी परिवार का नहीं हो। राहुल गांधी की इसी बात से पेंच फंस गया है। क्योंकि कांग्रेस में सभी नेता यह जानते हैं कि गांधी परिवार के बिना कांग्रेस का कोई भविष्य नहीं है। लेकिन राहुल गांधी के डर से कोई भी यह बात मुंह पर नहीं ला रहा था। 

लेकिन अब नटवर सिंह ने इस खुले राज को सबके सामने रख दिया है। उन्होंने न्यूज एजेन्सी एएनआई से बात करते हुए यह साफ किया कि 'राहुल गांधी ने कहा है कि गांधी परिवार से अब कोई पार्टी का अध्यक्ष नहीं बनेगा, लेकिन उन्हें अब अपना फैसला बदलना होगा।  मेरा मानना है कि ये ज़िम्मेदारी सिर्फ गांधी परिवार ही निभा सकता है। अगर ऐसा नहीं हुआ तो फिर पार्टी 24 घंटे में टूट जाएगी। देश के लिए यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि 134 साल पुरानी पार्टी के पास फिलहाल कोई अध्यक्ष नहीं है'।

नटवर सिंह ने उत्तर प्रदेश के सोनभद्र में प्रियंका गांधी के धरने का जिक्र करते हुए कहा कि 'आपने देखा होगा कि उन्होंने उत्तर प्रदेश के एक गांव में क्या किया। यह अद्भुत था। वह वहीं रूकी और जो करना चाहती थीं, वह किया।' 
 

नटवर सिंह से जब यह पूछा गया कि क्या प्रियंका को ही पार्टी अध्यक्ष के तौर पर चुना जाएगा तो उन्होंने कहा कि 'यह प्रियंका पर निर्भर करता है, क्योंकि उनके भाई ने कहा था कि गांधी परिवार से कोई भी कांग्रेस अध्यक्ष नहीं बनेगा। अब परिवार को फैसला बदलना होगा और केवल वह ही ऐसा कर सकते हैं।'

पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के बेटे अभिजीत मुखर्जी ने भी प्रियंका गांधी को नया अध्यक्ष बनाने की मांग उठाई है। उन्होंने प्रियंका से अपील की है कि वो लाखों कार्यकर्ताओं की बात सुने और  ज़िम्मेदारी लें। 

अभिजीत से पहले पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री के बेटे अनिल शास्त्री ने भी साफ तौर पर कहा है कि प्रियंका गांधी वाड्रा को कांग्रेस अध्यक्ष बनाया जाना चाहिए।  उनके अलावा कोई और नहीं।  वह 100 फीसदी स्वीकार हैं।'

नटवर सिंह की तरह ही अनिल शास्त्री ने भी इशारो इशारों में किसी और को कांग्रेस अध्यक्ष बनाए जाने की स्थिति में पार्टी के बिखरने की आशंका जताई थी। 

लोकसभा चुनाव में कांग्रेस की हार की नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए राहुल गांधी ने पार्टी के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया था। जिसके बाद से कांग्रेस में लगातार नेतृत्व का संकट चल रहा है।  पार्टी अभी तक अध्यक्ष नहीं चुन पाई है। राहुल गांधी ने जुलाई की शुरुआत में एक चार पेज का पत्र लिखते हुए अपना इस्तीफा दे दिया था।