‘चौकीदार .... है’ के बयान पर सुप्रीम कोर्ट को राजनीति में खींचने वाले कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी की भारी बेइज्जती हुई। राहुल गांधी ने पहले तो ‘खेद’ व्यक्त करके सुप्रीम कोर्ट को गुमराह करने की कोशिश की। लेकिन अदालत के सामने उनकी चालाकी काम नहीं आई और अब उन्हें बिना शर्त माफी मांगनी ही पड़ी।
नई दिल्ली: चौकीदार.... है के राजनीतिक नारे पर अवमानना मामले में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने सुप्रीम कोर्ट से बिना शर्त माफी मांग ली है। राहुल गांधी की ओर से दायर हलफनामा में कहा गया है कि गलती से पार्टी का राजनीतिक नारा कोर्ट के आदेश के साथ मिला कर बोल दिया था।
इससे पहले के हलफनामे में राहुल गांधी ने गलती के लिए सिर्फ खेद प्रकट किया था। शुक्रवार को मामले में अगली सुनवाई होनी है।
पिछली सुनवाई के दौरान बीजेपी नेता मीनाक्षी लेखी की ओर से पेश वरिष्ठ वकील मुकुल रोहतगी ने कहा था कि राहुल गांधी आये दिन चौकीदार... है का नारा लगा रहे हैं। अभी हाल ही में उन्होंने ये बातें बिहार में भी कही थीं।
जिसके बाद मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई ने राहुल गांधी के वकील को फटकार लगाते हुए कहा था कि आपके क्लाइंट बयान भी देते हैं और उसे उचित ठहराने की कोशिश भी कर रहे हैं।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि हमने यह सब फैसले में कब कहा। मुकुल रोहतगी का आरोप था कि राहुल गांधी ने अपने सियासी फायदे के लिए कोर्ट को मोहरा बनाया और सुप्रीम कोर्ट के हवाले से जानबूझ कर चौकीदार... संबंधी बयान दिया। मुकुल रोहतगी ने कहा था कि राहुल गांधी का बयान ग़ैर ज़िम्मेदाराना है।
जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने टिप्पणी की कि आप हमको कुछ कहने के लिए मजबूर कर रहे है पिछली सुनवाई पर हमने कुछ नही कहा था लेकिन यह आपका दूसरा हलफनामा है। जबकि राहुल गांधी के वकील ने कहा था कि चौकीदार...है वाले बयान को सुप्रीम कोर्ट के आदेश से जोड़ने के लिए हमने खेद जताया है। जिसपर मुख्य न्यायाधीश ने कहा था आपको खेद जताने के लिये 22 पेज का हलफनामा देना पड़ा, और यह कोष्ठक में खेद लिखने का क्या मतलब है।
राहुल गांधी ने अपने हलफनामे में कोष्ठक में खेद लिखा था। जिसके बाद राहुल गांधी के वकील ने अतिरिक्त हलफनामा दाखिल करने के लिए कोर्ट से समय मांगा था।
Last Updated May 8, 2019, 12:10 PM IST