कांग्रेस पार्टी के राष्ट्रीय अध्‍यक्ष राहुल गांधी दक्षिण भारत के केरल की वायनाड सीट आज लोकसभा चुनाव के लिए अपना नामांकन दाखिल कर दिया है। नामांकन के दौरान उनकी बहन और राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा भी साथ थी। राहुल गांधी नामांकन के बाद वहां पर रोड़ शो कर रहे हैं।  राहुल गांधी उत्तर प्रदेश की अमेठी के साथ ही वायनाड से भी चुनाव लड़ रहे हैं।

आज राहुल गांधी ने वायनाड से अपने नामांकन भरा। यहां पर कांग्रेस को इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग अपना समर्थन दे रही है। राहुल गांधी के साथ उनके नामांकन में उनकी बहन प्रियंका गांधी वाड्रा भी थी। राहुल गांधी ने आज दक्षिण भारत से अपनी राजनीति की शुरूआत की। राहुल गांधी को पार्टी ने वायनाड से उम्‍मीदवार बनाया है। पिछले दो लोकसभा चुनाव में ये सीट कांग्रेस की पास ही रही है और यहां पर मुस्लिम मतदाता काफी निर्णायक हैं। हालांकि 2014 के लोकसभा चुनाव में यहां पर कांग्रेस के जीत का अंतर काफी कम था। राहुल गांधी उत्तर भारत की अमेठी सीट के साथ ही दक्षिण भारत की वायनाड से भी प्रत्याशी हैं। गांधी परिवार की पारंपरिक सीट माने जाने वाली अमेठी से उनका मुकाबला बीजेपी की स्‍मृति ईरानी से उनका मुकाबला होगा। फिलहाल वायनाड में राहुल गांधी का रोड शो चल रहा है।

पिछले लोकसभा चुनाव में ईरानी ने राहुल गांधी को कड़ी टक्कर दी थी और राहुल की जीत का अंतर महज 1 लाख वोटों में सिमट गया था जबकि 2009 के लोकसभा चुनाव में जीत का अंतर तीन लाख वोटों से ज्यादा था। असल में वायनाड सीट को लेकर कांग्रेस के दो वरिष्ठ नेताओं, रमेश चेन्नीथला और पूर्व सीएम ओमान चांडी चुनाव लड़ने को लेकर जबरदस्त विवाद था। इसके बाद केरल प्रदेश कांग्रेस ने राहुल गांधी को चुनाव लड़ने का प्रस्ताव दिया गया था। हालांकि पहले ये कहा जा रहा था कि राहुल गांधी कर्नाटक की किसी सीट से चुनाव लड़ सकते हैं। लेकिन बाद में फैसला वायनाड पर हुआ। गौरतलब है कि वायनाड सीट से कांग्रेस नेता एमएल शाहनवाज लगातार दो बार चुनाव जीते हैं। इस चुनाव में एनडीए ने यहां पर तुषार वेल्लापल्ली को अपना प्रत्याशी बनाया है।  

क्या हैं वायनाड के मायने

केरल में 12 जिले हैं और इसमें वायनाड भी एक है। ये जिला कन्नूर और कोझिकोड जिलों के मध्य स्थित है। पहले वायनाड को मायकक्षेत्र के तौर पर जाना जाता था। इसका अर्थ है कि माया की भूमि। यानी कोई भी करिश्मा हो सकता है। पहले मायकक्षेत्र का नाम मायनाड बना और फिर इसे वायनाड के नाम से जाना जाने लगा। केरल के राज्य बनने के बाद 1980 में वाननाड राज्य में 12 जिला बना। वायनाड अपनी प्राकृतिक खूबसूरती के लिए जाना जाता है।