हैदराबाद-- तेलंगाना विधानसभा चुनाव के लिए कांग्रेस और तेदेपा की ओर से घोषित उम्मीदवारों की पहली सूची को लेकर पार्टी के अंदर असंतोष उभर गया है। टिकट पाने में असफल रहे नेताओं के समर्थकों की ओर से प्रदर्शन किये गए। 

पूर्व प्रदेश कांग्रेस कमेटी अध्यक्ष एवं मंत्री रह चुके पी. लक्ष्मैया दिल्ली रवाना हुए क्योंकि उनका नाम पहली सूची में नहीं था। कांग्रेस ने सोमवार देर रात 65 उम्मीदवारों की अपनी पहली सूची जारी की थी। उसी के बाद से कांग्रेस के अंदर असंतोष की खबरे आ रही हैं। 

हैदराबाद में सेरीलिंगमपल्ली सीट से पूर्व विधायक बिकशापति यादव निराश थे क्योंकि उनकी सीट कांग्रेस नीत गठबंधन की सहयोगी पार्टी तेदेपा को आवंटित कर दी गई है।

उन्होंने कहा कि वह विधानसभा क्षेत्र में पदयात्रा कर चुके थे। उन्होंने सवाल किया कि पार्टी के लिए काम करने के लिए क्या यह इनाम मिलता है। 

उन्होंने कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने पहले कहा था कि चुनाव के समय ‘‘पैराशुट से उतरने वालों’’ को टिकट नहीं दिया जाएगा लेकिन ‘‘अब क्या हुआ।’’ राज्य में कुछ स्थानों पर कुछ आकांक्षियों के समर्थकों द्वारा प्रदर्शन किये गए। 

पूर्व सांसद एवं कांग्रेस सचिव मधु वाई गौड़ ने इस बात पर जोर दिया कि विधानसभा चुनाव के बाद कांग्रेस सरकार बनाएगी। उन्होंने कहा कि कांग्रेस के सभी कार्यकर्ताओं को उचित पहचान एवं सम्मान मिलेगा।

119 सदस्यीय विधानसभा के लिए सात दिसम्बर को होने वाले चुनाव के लिए महागठबंधन का कांग्रेस हिस्सा है। इस गठबंधन में कांग्रेस, तेदेपा, भाकपा और तेलंगाना जन समिति (टीजेएस) शामिल है।
कांग्रेस ने अपने सहयोगी दलों के लिए 25 सीटें छोड़ने का निर्णय किया है जिसमें तेदेपा के लिए 14, टीजेएस के लिए आठ और भाकपा के लिए तीन सीटें हैं। तेदेपा ने भी नौ उम्मीदवारों की अपनी पहली सूची सोमवार देर रात जारी की थी। 

सेरीलिंगमपल्ली से तेदेपा का टिकट भाव्या आनंद प्रसाद को आवंटित किये जाने के खिलाफ प्रदर्शन किया। उन्होंने तख्तियों के साथ नारे लगाये कि अपने नेता को उम्मीदवार बनाया जाए।
चुनाव आयोग द्वारा चुनावी अधिसूचना जारी होने के बाद नामांकन दाखिल करने की प्रक्रिया सोमवार को शुरू हुई थी। 

इस बीच खैरताबाद से टीआरएस के टिकट के एक आकांक्षी के समर्थकों ने भी हैदराबाद में अपने नेता के लिए टिकट की मांग को लेकर प्रदर्शन किया।