कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के इस्तीफे बाद दो राज्यों में भारतीय जनता पार्टी के ऑपरेशन लोटस के कारण सियासी संकट में फंसी कांग्रेस ने अब अन्य राज्यों में फोकस करना शुरू कर दिया है। कांग्रेस खासतौर से मध्य प्रदेश को लेकर ज्यादा चिंतित है। जहां वह निर्दलीय विधायकों के सहारे सरकार चला रही जबकि राजस्थान में अशोक गहलोत के कारण उभर रही गुटबाजी को देखते हुए कांग्रेस चौकन्नी है। क्योंकि कर्नाटक की तऱफ वहां पर भी नाराज विधायक इस्तीफा दे सकते हैं।

पिछले एक हफ्ते के दौरान कांग्रेस को राजनैतिक तौर पर बड़ा झटका लगा है। पहले कर्नाटक और फिर गोवा कांग्रेस के लिए बड़ा संकट बन गए हैं और पार्टी इन झटकों से संभलने की कोशिश कर रही है। लेकिन कोई मार्गदर्शक न होने के कारण वह सही फैसले नहीं ले पा रही है। पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी ने इस्तीफा दे दिया है।

लिहाजा हाल के कर्नाटक व गोवा के घटनाक्रम के बाद पार्टी अब मध्यप्रदेश व राजस्थान में अपने किले बचाने में जुटी है। कांग्रेस का लगता है कि बीजेपी इन दोनों राज्यों में ऑपरेशन लोटस शुरू कर सकती है। सबसे ज्यादा स्थिति तो मध्य प्रदेश में खराब है जहां पर पार्टी निर्दलीय विधायकों और अन्य दलों के सहारे चल रही है।

तीन कांग्रेस शासित राज्यो में मध्यप्रदेश सबसे सॉफ्ट टारगेट है। वहीं राजस्थान में भी विधायक अशोक गहलोत सरकार से नाराज हैं। जबकि उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट और मुख्यमंत्री के बीच सियासी जंग जाहिर है। लिहाजा बीजेपी किसी को भी अपनी निशाना बना सकती है।

असल में राहुल गांधी के इस्तीफे के बाद कांग्रेस में संकट गहराता जा रहा है। पार्टी के बड़े नेताओं ने इस्तीफे दे दिए हैं। राहुल गांधी को भी ज्यादा दिलचस्पी नहीं है। वहीं वह अपने विभिन्न राज्यों में चल रहे मुकदमों के लिए भटक रहे हैं। लिहाजा बीजेपी कभी भी इन दो राज्यों में सरकार को गिरा सकती है या फिर कांग्रेस को संकट में ला सकती है।

पार्टी के नेता भी मान रहे हैं कि बीजेपी का अगला निशना मध्य प्रदेश और राजस्थान की सरकारें हो सकती हैं। क्योंकि गोवा में पार्टी के दस विधायकों ने बीजेपी का दामन थाम लिया है। सच्चाई ये भी है कि जहां राजस्थान में मुख्यमंत्री गहलोत व उपमुख्यमंत्री पायलट आमने समाने हैं तो वहीं मध्यप्रदेश में कमलनाथ व ज्योतिरादित्य सिंधिया के बीच छत्तीस का आंकडा है। जबकि पंजाब में भी स्थिति अच्छी नहीं है। क्योंकि नवजोत सिंह सिद्धू और मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के बीच रिश्तों में सुधार नहीं हो रहा है। वहीं हरियाणा और झारखंड में भी स्थित साफ नहीं है।