नई दिल्ली। केन्द्र सरकार ने आज जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 और 35 ए हटा दिया है। आज राज्यसभा में इसके लिए लाया गया बिल पास हो गया है और कल इसे लोकसभा में भी पेश किया जाएगा। जहां ये आसानी से पारित हो जाएगा। क्योंकि लोकसभा में भाजपा सरकार के बहुमत है।

लेकिन आज जो देश के सभी लोगों के जेहन में एक ही सवाल उठ रहा है कि देश में अभी तक जितनी भी सरकार बनी, वह इस अनुच्छेद को खत्म करने का साहस क्यों नहीं उठा पायी। खासतौर से कांग्रेस की सरकारें जिन्होंने इस देश में कई दशकों तक राज किया और आज केन्द्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने महज अपने पांच मिनट के भाषण में इसे खत्म कर दिया।

असल में भारत और पाकिस्तान के विभाजन के बाद कश्मीर का भारत में विलय हुआ। लेकिन इसके लिए जम्मू कश्मीर के तत्कालीन महाराजा हरी सिंह ने प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू से जम्मू-कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा देने की शर्त रखी। जिसे नेहरू ने बड़ी आसानी ने मान लिया।

क्योंकि इतिहास में जो तथ्य दर्ज हैं, उसके मुताबिक नेहरू का कश्मीर से रिश्ता था। लेकिन ये प्रस्ताव भारत के लिए एक नासूर बना रहा। क्योंकि एक राष्ट्र होने के बावजूद देश में दो संविधान चलते रहे। देश में ज्यादातर शासन कांग्रेस ने किया और वह इस अनुच्छेद को कभी हाथ तक नहीं लगा सकी।

उसको डर था कि अगर भारत सरकार ने ये कदम उठाया तो उसका अल्पसंख्यक वोट उससे दूर चला जाएगा। हालांकि जम्मू कश्मीर में कांग्रेस का शासन भी बहुत दिनों तक नहीं चला। लेकिन जम्मू कश्मीर के जरिए कांग्रेस को अल्पसंख्यक राजनीति में फायदा मिलता रहा।

लेकिन केन्द्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने आज महज पांच मिनट में ही राज्यसभा में जम्मू कश्मीर से 370 और 35 ए के अनुच्छेद को हटा दिया। हालांकि विपक्षी दलों ने हंगामा काटा। लेकिन अंतत ये प्रस्ताव हो गया। इसके समर्थन में आज 125 मत पड़े जबकि विपक्ष में 61 मत ही पड़े।

जिसके बाद साफ हो गया है कि मंगलवार को लोकसभा से भी ये बिल पारित हो जाएगा। केन्द्र सरकार ने आज जम्मू कश्मीर से 370 और 35ए को हटाने के साथ ही राज्य को दो हिस्सों में बांट दिया है। जम्मू कश्मीर और लद्दाख को अलग कर केन्द्र शासित राज्य बना दिया गया है।

आज भाजपा सांसदों ने भी केन्द्र सरकार के इस फैसले की जमकर तारीफ की। भाजपा के राज्यसभा सांसद राजीव चंद्रशेखर ने कहा कि पिछले 72 साल में कांग्रेस समेत दो तीन वंशों ने राज्य मे राज किया और वहां के लोगों के सपनों को तोड़ा। उन्होंने कहा कि ये बदलाव का दिन है। इसके लिए उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह को बधाई दी।

वहीं पूर्व वित्तमंत्री और भाजपा के दिग्गज नेता अरूण जेटली में भी जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 खत्म करने के लिए गृहमंत्री अमित शाह की तारीफ की।


उधर पूर्व केन्द्रीय मंत्री आरिफ मोहम्मद खान ने जम्मू कश्मीर को केन्द्र शासित राज्य घोषित करने के लिए केन्द्र सरकार को बधाई दी। उन्होंने ट्वीट के जरिए लिखा है कि भारत सरकार को इसके लिए सलाम। जय हिंद वंदेमातरम।

क्या है 370 और क्या थे इसके नुकसान
1-असल में इस अनुच्छेद के तहत भारत सरकार कश्मीर के मामलों में दखल नहीं दे सकती है। क्योंकि कश्मीर के लोगों को इस अनुच्छेद के तहत विशेष अधिकार मिले हैं। मसलन कश्मीर के लोग देश भर में कई भी नौकरी कर सकते हैं और जमीन खरीद सकते हैं। लेकिन गैर कश्मीरी जम्मू कश्मीर में नौकरी नहीं कर सकता है और न ही जमीन खरीद सकता है। 

2-यही नहीं वहां के लिए अलग संविधान भी है। साथ ही जम्मू कश्मीर का झंडा भी अलग है। 

3-इस अनुच्छेद के तहत भारत सरकार वहां पर सिर्फ रक्षा, विदेश मामले और संचार के लिए ही कानून बना सकती है। इसके अतिरिक्त किसी भी कानून बनाने के लिए केन्द्र सरकार को राज्य सरकार से मंजूरी लेनी पड़ती है। 

4-पूरे भारत में एक ही संविधान लागू होता है। लेकिन जम्मू कश्मीर के लिए 1956 में अलग संविधान बनाया गया।

क्या होगा फायदा
1-इस अनुच्छेद के खत्म होने से जम्मू-कश्मीर देश का केन्द्र शासित राज्य हो गया है। जिस तरह के देश के अन्य राज्यों में संविधान लागू होता है उसी तरह से अब जम्मू कश्मीर में देश का संविधान लागू होगा।

2- अगर कोई महिला भारत के किसी अन्य राज्य के व्यक्ति से शादी करती है तो अब उसकी नागरिकता खत्म नहीं होगी।

3-यदि कोई महिला अगर पाकिस्तान के किसी व्यक्ति से शादी करती है अब उसके पति को जम्मू-कश्मीर की नागरिकता नहीं मिलेगी।

4-इस अनुच्छेद के तहत कश्मीर में रहने वाले पाकिस्तानियों को नागरिकता मिल जाती थी। लेकिन अब उनकी नागरिकता खत्म हो जाएगी।

5-अब जम्मू कश्मीर में देश के राष्ट्रध्वज या राष्ट्रीय प्रतीकों का अपमान करने सजा मिलेगी। जबकि अभी तक अलग संविधान होने के कारण सजा देना का प्रावधान नहीं था।
6-अब जम्मू कश्मीर में सुप्रीम कोर्ट के फैसले लागू होंगे। जिसके तहत कई न्याय मिलने में आसानी होगी।

7-अब जम्मू-कश्मीर में कोई भी देशवासी जमीन को खरीद सकता है।

8-राज्य में अनुच्छेद 370 खत्म होने के बाद राज्य में सूचना का अधिकार भी लागू हो सकेगा और लोगों को न्याय मिलेगा।