अब ये तकरीबन तय हो गया है कि दिल्ली में कांग्रेस और आम आदमी पार्टी एक दूसरे के खिलाफ लोकसभा चुनाव लड़ेंगे। शीला दीक्षित के कड़े रूख के कारण दोनों के बीच अब चुनावी गठबंधन की अब उम्मीद ना के बराबर है। लिहाजा अब कांग्रेस ने राज्य की सात सीटों के लिए प्रत्याशियों को तलाशना शुरू कर दिया है। हालाकिं प्रदेश कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष अजय माकन पहले ही कह चुके हैं कि वह बगैर गठबंधन के लोकसभा चुनाव में नहीं उतरेंगे।

फिलहाल ऐसा कहा जा रहा है कि पार्टी ने दिल्ली की चार सीटों के लिए नाम तय कर दिए हैं। बाकी तीन अन्य सीटों पर प्रत्याशियों की तलाश जारी है। आप ने पहले ही सात प्रत्याशी घोषित कर दिए थे, लेकिन गठबंधन की संभावनाओं के बीच उन्होंने अपना प्रचार थाम दिया था। फिलहाल अब लोकसभा चुनाव के लिए दिल्ली में कांगेस और आप के बीच गठबंधन होने की संभावनाएं बहुत कम हैं। असल में आप दिल्ली के साथ ही पंजाब और हरियाणा में चुनाव गठबंधन चाहती थी। लेकिन इसके लिए तैयार नहीं थी।

वहीं आप के साथ गठबंधन को लेकर कांग्रेस में दो गुट हो गए थे। प्रदेश कांग्रेस की अध्यक्ष शीला दीक्षित नहीं चाहती थी कि आप के साथ दिल्ली में गठबंधन हो, जबकि अजय माकन गुट प्रदेश प्रभारी पीसी चाको के साथ गठबंधन चाहता था। फिलहाल अब कांग्रेस सभी सातों सीटों पर चुनाव लड़ेगी और इसके लिए प्रत्याशियों के नाम की घोषणा जल्द की जाएगी। दिल्ली में 12 मई को चुनाव होने हैं। फिलहाल ऐसा कहा जा रहा है कि पार्टी ने पूर्वी दिल्ली, पश्चिमी दिल्ली और दक्षिण सीट एक प्रत्याशियों के नाम तय कर लिए हैं।

जबकि चांदनी चौक से पूर्व केंद्रीय मंत्री कपिल सिब्बल का लड़ना तया है वहीं उत्तर पश्चिम सीट से दिल्ली के पूर्व मंत्री राजकुमार चौहान के नाम की चर्चा है। वहीं पूर्व सांसद जेपी अग्रवाल को उत्तर पूर्व सीट से लड़ाया जा सकता है। वहीं शीला दीक्षित भी चुनाव लड़ेंगी और उन्हें पूर्वी दिल्ली से टिकट देने पर विचार चल रहा है।