उत्तर प्रदेश की राजनीति तेजी से बदल रही है. सपा और बसपा के गठबंधन के बाद अब कांग्रेस ने ऐलान कर दिया है कि वह लोकसभा चुनाव में अकेले चुनाव लड़ेगी. हालांकि अभी तक कांग्रेस को उम्मीद थी कि इस सपा और बसपा गठबंधन में जगह मिलेगी. लेकिन सपा-बसपा गठबंधन में उसे जगह नहीं मिली. लिहाजा आज पार्टी के बड़े नेताओं को अकेले लड़ने का ऐलान करना पड़ा. ताकि कोई ये आरोप लगाए कि कांग्रेस को चुनाव लड़ने के लिए कोई सहयोगी नहीं मिल रहा है. 

हालांकि सपा-बसपा गठबंधन में कांग्रेस ज्यादा सीटें मांग रही थी. जबकि दोनों दल ज्यादा सीटें देने के पक्ष में नहीं थे. सपा और बसपा कांग्रेस से पहले ही नाराज चल रहे थे, क्योंकि कांग्रेस ने मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ में दोनों दलों को अपनी सहयोगी नहीं बनाया था. जबकि दोनों दल राजस्थान और मध्य प्रदेश में कांग्रेस की सरकार को समर्थन दे रहे हैं. कल सपा-बसपा के गठबंधन बन जाने के बाद आज कांग्रेस ने लोकसभा चुनाव यूपी में अकेले लड़ने का ऐलान कर दिया है. यूपी की सभी 80 सीटों पर चुनाव लड़ेगी. ऐसा माना जा रहा है छोटे दलों ने भी कांग्रेस के साथ चुनाव लड़ने के लिए मना कर दिया है.

अभी तक रालोद समेत कई दलों से कांग्रेस संपर्क कर रही थी। यहां तक कि शिवपाल की पार्टी प्रगतिशील समाजवादी पार्टी से कांग्रेस का गठबंधन होने की उम्मीद की जा रही थी. लेकिन आज पार्टी ने अकेले चुनाव लड़ने का फैसला कर सबको चौंका दिया है. अकेले चुनाव लड़ने के लिए कांग्रेस के तर्क हैं कि पार्टी ने 2009 के लोकसभा चुनाव अच्छा प्रदर्शन किया था और पार्टी ने करीब 20 सीटें इस चुनाव में जीतीं. हालांकि पिछला विधानसभा चुनाव पार्टी ने सपा के साथ मिलकर लड़ा.

जबकि कुछ समय पहले तक सपा के खिलाफ राज्य में आंदोलन किए हुए थी, उसके बाद भी दोनों दलों ने चुनाव लड़ा. लेकिन इसके बाद सपा को राज्य की सत्ता से बेदखल होना पड़ा और पार्टी महज 47 सीटों में सिमट गई थी और कांग्रेस को महज सात सीटें ही चुनाव में मिलीं. यूपी में सपा-बसपा गठबंधन के ऐलान के बाद यूपी कांग्रेस के प्रभारी गुलाम नबी आजाद ने कहा कि लोकसभा चुनाव में कांग्रेस और भाजपा की सीधी लड़ाई है. हम यूपी की सभी 80 सीटों पर चुनाव लड़ने जा रहे हैं।

आजाद ने कहा कि हमने शुरू से सपा और बसपा के गठबंधन का स्वागत किया था क्योंकि भाजपा को हराने के लिए गठबंधन की जरूरत थी, लेकिन पार्टी अब अकेले चुनाव लड़ेगी. गौरतलब है कि राज्य में सपा और बसपा ने यूपी की 38-38 सीटों पर लड़ने का ऐलान किया है. जबकि रायबरेली और अमेठी में गठबंधन दल कांग्रेस के खिलाफ प्रत्याशी नहीं उतारेंगे. कल की पत्रकार वार्ता में बसपा प्रमुख मायावती ने इस दौरान साफ कहा कि उनका कांग्रेस से कोई गठबंधन नहीं है, वह बस सीटें छोड़ रही हैं.