नई दिल्ली। पंजाब  कांग्रेस के नेता नवजोत सिंह सिद्धू के आम आदमी पार्टी में जाने की अटकलों के बीच कांग्रेस उनकी नाराजगी दूर कर सकती है और उन्हें राज्य की राजनीति से राष्ट्रीय राजनीति में ला सकती है। माना जा रहा है कि पार्टी ने सिद्धू को जल्द ही किसी बड़े ओहदे पर नियुक्त कर सकती है।  सिद्धू के आम आदमी पार्टी में जाने की चर्चाओं के बाद पार्टी चौकन्ना है। सिद्धू को राहुल गांधी का करीबी माना जाता है। बताया जा रहा है कि सिद्धू की नाराजगी दूर करने के लिए आलाकमान ने सिद्धू से संपर्क किया है और जुलाई तक किसी बड़े पद पर नियुक्त करने का भरोसा दिया है।

असल में कांग्रेस इसके जरिए एक तीर से दो निशाना चाहती है। सिद्धू को केंद्र की राजनीति में लाने से पंजाब में कैप्टन अमरिंदर सिंह के लिए रास्ता पूरी तरह से साफ हो जाएगा और सिद्धू की भी नाराजगी दूर हो जाएगी। हालांकि कैप्टन कह रहे हैं किसिद्धू को लेकर कोई  नाराजगी नहीं है। लेकिन अंदरखाने दोनों के बीच तनातनी जारी है। सिद्धू और कैप्टन की तनातनी जग जाहिर है।

पिछले कुछ दिनों से सिद्धू के कांग्रेस को छोड़ने की चर्चा जोरों पर है और कहा जा रहा कि आप के रणनीतिकार प्रशांत किशोर सिद्धू  के लगातार संपर्क में हैं और आप में शामिल होने को लेकर उनकी सिद्धू से बातचीत हो चुकी है। लेकिन सिद्धू की शर्तों पर आप का आलाकमान अभी विचार विमर्श कर रहा है। आप सिद्धू पंजाब में 2022 में होने वाले विधानसभा चुनाव में सीएम के चेहरे के तौर पर पेश कर सकती है।  वहीं कांग्रेस भी सिद्धू की नाराजगी दूर करना चाहती है।

सिद्धू भाजपा को छोड़कर  2017 में विधानसभा चुनाव से कांग्रेस में शामिल हुए थे, और उस वक्त चर्चा थी कि पार्टी सिद्धू को उपमुख्यमंत्री का  पद देगी। लेकिन राज्य में चुनाव जीतने के बाद कैप्टन सीएम बने  लेकिन कैप्टन ने उन्हें उपमुख्यमंत्री नहीं बनाया।  लेकिन कैप्टन ने उन्हें बड़ा विभाग दिया। हालांकि सिद्दू राहुल गांधी और प्रियंका गांधी से भी अपनी नाराजगी जाहिर कर चुके हैं। लिहाजा गांधी परिवार के करीबी होने के कारण कांग्रेस सिद्धू को सम्मान देकर पार्टी उनकी नाजारागी दूरकरने की तैयारी में है।

सक्रिय राजनीति से दूर सिद्धू

नवजोत सिंह पिछले एक साल से राज्य की सक्रिय राजनीति से दूर हैं और पार्टी की किसी कभी गतिविधियों में हिस्सा नहीं ले रहे  हैं। हालांकि करतारपुर कॉरिडोर खुलने के मौके पर वे अन्य नेताओं के साथ पाकिस्तान गए थे। वहीं दिल्ली विधानसभा चुनाव में पार्टी ने उन्हें स्टार प्रचारकों की सूची में शामिल किया था। लेकिन उन्होंने प्रचार नहीं किया।