कांग्रेस महासचिव और उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने एक बड़ा बयान देते हुए कहा कि अगर कांग्रेस केंद्र की सत्ता में आई तो वह अयोध्या में राम मंदिर बनाने की कोशिश करेगी। रावत ने भाजपा पर अयोध्या मुद्दे को लेकर राजनीति करने का भी आरोप लगाया। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि भाजपा केवल नरेंद्र मोदी को ही राष्ट्रवादी मानती है। 

एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में रावत ने कहा, 'अयोध्या के बारे में मेरा वक्तव्य पहले भी आ चुका है कि अगर हमारी पार्टी सत्ता में आती है तो हम राम मंदिर बनाने का भरसक प्रयास करेंगे। मेरे इस दृष्टिकोण को पार्टी का भी माना जाना चाहिए।' उन्होंने कहा कि केवल कांग्रेस पार्टी ने ही पूर्व में सत्ता में रहने के दौरान दो बार राम मंदिर बनाने के गंभीर प्रयास किए हैं और यह बात भाजपा के वरिष्ठ नेता सुब्रमण्यन स्वामी ने भी उनके सामने स्वीकार की थी। 

हरीश रावत ने भाजपा पर इस मुददे को लेकर राजनीति करने का आरोप लगाया और कहा कि केंद्र को इस संबंध में एक फैसिलिटेटर की भूमिका निभानी चाहिए। पुलवामा हमले पर भी उन्होंने भाजपा पर निशाना साधा और कहा कि वह केवल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को ही राष्ट्रवादी होने का तमगा दे रही है। 

पूर्व सीएम रावत ने कहा, 'ऐसा क्यों है कि केवल प्रधानमंत्री मोदी ही राष्ट्रवादी हो सकते हैं। मुझे इस पर घोर आपत्ति है। भारत का हर एक व्यक्ति राष्ट्रवादी है। मैं भी राष्ट्रवादी हूं और आप भी राष्ट्रवादी हैं। सैनिकों की शहादत पर पूरा भारत एक साथ खड़ा है।' प्रदेश सरकार द्वारा पेश किए गए बजट पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए रावत ने कहा कि यह निराशाजनक है। उन्होंने कहा, 'बजट में कुछ भी नया नहीं है और अगर कुछ है तो वह कुछ दीनदयाल उपाध्याय, कुछ नरेंद्र मोदी और कुछ पुराने प्रस्ताव हैं।' 

इस संबंध में उदाहरण देते हुए प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री रावत ने कहा कि इसमें गैर सरकारी संस्थाओं को पुनर्जीवित करने की उनकी सरकार की योजना को नाम बदल कर शामिल किया गया है। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार ने इस योजना के लिए एक रिवॉल्विंग फंड भी तैयार किया था और उसमें पांच लाख रुपये रखे थे। इसी योजना का नाम परिवर्तन करके सरकार ने दीनदयाल उपाध्याय योजना कर दिया है। 

रावत ने कहा, 'मैं पूछना चाहता हूं कि जिस उददेश्य से यह योजना लाई गई थी, पिछले चार सालों में कितनी गैर-सरकारी संस्थाओं को पुनर्जीवित किया गया। विकास दर बुलेट ट्रेन की तरह तेजी से आगे बढ़ रही है लेकिन गंभीर विषय यह है कि कृषि विकास दर अपने न्यूनतम स्तर पर है।' उन्होंने यह भी कहा कि मैन्युफैक्चरिंग और सर्विस सेक्टर की स्थिति भी ठीक नहीं है, बेरोजगारी भी चरम पर है और बेरोजगारों की संख्या नौ लाख हो चुकी है। (इनपुट भाषा)