फतेहाबाद (हरियाणा)-  आरोप है कि हसंगा गांव में बाहर के कुछ लोग आए और उन्होंने गांव में रहने वाले एक गरीब मुस्लिम परिवार से उसके रहने वाली पंचायती जगह पर मस्जिद बनाने के लिए बातचीत की। सितंबर महीने में बाहर के लोगों द्वारा फंडिंग कर मस्जिद बनाने का यह मामला तब पंचायत ने पकड़ लिया था क्योंकि जिस जगह पर गरीब मुस्लिम परिवार सालों से रह रहा था वो जगह पंचायत की है। 


खुफिया एजेंसियां और पुलिस मामले से अनभिज्ञ थी। इसकी शिकायत गांव वालों ने तुरंत पुलिस में दी लेकिन प्रशासन ने मामले को हल्के में लिया। चूंकी राज्य के पलवल में आतंकी फंडिंग  से मस्जिद बनाने का मामला सामने आ गया है, ऐसे में गांव वालों की तरफ से मामले को फिर उटाए जाने के बाद पुलिस ने मामले में कार्रवाई की बात कही है। 


माय नेशन से बातचीत में भूना थाने के एसएचओ ने कहा कि, "मामले में कोई फॉर्मल शिकायत नहीं आई है, फिर भी ऐसा कोई मामला सामने आता है तो हम कानूनी कार्रवाई करेंगे।" 


वहीं माय नेशन से बातचीत में गांव के सरपंच कहते हैं कि सुरेंद्र कुमार कहते हैं कि "10  साल पहले मुस्लमान परिवार को गांव में बसाया गया था। परिवार का एक लड़का आपराधिक गतिविधियों में शामिल रहा है। पिछले महीने 14-15 तारीख को पंजाब के मानसा और मुंबई से कुछ लोग आए परिवार से 5 लाख देकर मस्जिद बनाने की बात कही।" 


सुरेंद्र कहते हैं कि "जब गांव में मुस्लमान परिवार है ही नहीं तो फिर किस नीयत से राज्य से बाहर के लोग गांव में मस्जिद बनाने की योजना बना रहे थे?"


गाव वालों ने माय नेशन से वह वीडियो भी शेयर किया है जिसमें वो मुस्लिम पक्ष से बातचीत कर रहे हैं। गांव वालों के मुताबिक जब मामले का खुलासा हुआ तो मस्जिद बनाने का प्रस्ताव देने वाले लोग अपनी बात से पलट गए। उन्होंने कहा कि वो गांव में रह रहे मुस्लिम परिवार का कुशल क्षेम जानने आए थे।