'चौकीदार चोर है' वाले बयान पर कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी की मुश्किलें काफी बढ़ गई हैं। राहुल गांधी के सुप्रीम कोर्ट के हवाले से पीएम नरेंद्र मोदी के खिलाफ 'चौकीदार चोर है' की टिप्पणी करने के खिलाफ भाजपा सांसद मीनाक्षी लेखी ने अवमानना याचिका दायर की थी। सोमवार को राहुल ने कोर्ट में अपने बयान को लेकर खेद जताया था। मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट में हुई सुनवाई के दौरान मीनाक्षी लेखी की तरफ से पेश वकील मुकुल रोहतगी ने कोर्ट को बताया कि राहुल गांधी ने अपने बयान पर सिर्फ खेद जताया है, माफी नहीं मांगी है। इसके बाद कोर्ट ने राहुल गांधी को अवमानना का नोटिस जारी कर दिया। 

हालांकि राहुल गांधी को नोटिस जारी करने का कारण कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी की ओर से सुप्रीम कोर्ट में पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी रहे। उन्होंने चीफ जस्टिस रंजन गोगोई की अगुवाई वाली पीठ से कहा, राहुल गांधी को कोर्ट के हवाले से 'चौकीदार चोर है' कहने के लिए खेद है। लेकिन वह अपने राजनीतिक नारे ‘चौकीदार चोर है’ पर कायम है। सिंघवी ने दलील दी कि हमें औपचारिक रुप से अदालत की ओर से कोई नोटिस प्राप्त नहीं हुआ है। 

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सिंघवी के तर्क सुनने के बाद तुरंत अदालत ने कहा, अभी जारी किया जाता है। हालांकि सिंघवी यह तर्क देते रहे कि उनकी मंशा ऐसा कहने की नहीं थी। कोर्ट ने इसके बाद राहुल गांधी को नोटिस जारी कर दिया है। हालांकि इससे पहले अदालत ने उन्हें नोटिस जारी नहीं किया था, उनसे सिर्फ जवाब मांगा गया था। अभिषेक मनु सिंघवी अदालत के पहले आदेश पर अपना जवाब देने के लिए अदालत में पेश हुए थे। 

राहुल गांधी ने अदालत में हलफनामा देकर कहा था कि उन्होंने सुप्रीम कोर्ट के हवाले से 'चौकीदार चोर है' की टिप्पणी चुनाव प्रचार की सरगर्मी में उत्तेजित होकर की थी। अदालत की अवमानना करना कभी उनकी मंशा नहीं रही है। बहरहाल, अब अदालत राफेल मामले की मंगलवार को होने वाली सुनवाई के साथ ही राहुल के खिलाफ अवमानना मामले की सुनवाई करेगी।