उत्तर प्रदेश के चंदौली की विधायक साधना सिंह ने बसपा प्रमुख मायावती पर विवादित टिप्पणी की। उन्होंने एक जनसभा में कह दिया कि ‘मायावती न महिला हैं न पुरुष। वे किन्नर से भी बदतर हैं। उन्होंने लखनऊ के गेस्ट हाउस में हुआ उनका चीरहरण भूलकर सपा से गठबंधन किया है।’
साधना सिंह ने सारी मर्यादा को ताक पर रखकर कहा कि ‘‘जिस दिन महिला का चीरहरण होता है, उसका ब्लाउज फट जाए, पेटीकोट फट जाए, साड़ी फट जाए, वो महिला सत्ता के लिए आगे आती है तो वो कलंकित है। उसे महिला कहने में भी संकोच लगता है। वो किन्नर से भी ज्यादा बदतर है क्योंकि वो तो न नर है, न महिला है।''

हालांकि जब साधना यह बयान दे रही थीं, तब मंच पर मौजूद दूसरे बीजेपी नेता उन्हें रोकने की कोशिश कर रहे थे, क्योंकि उन्हें इस विवाद की गंभीरता का पता था। उनका डर सच साबित हुआ। 
राष्ट्रीय महिला आयोग ने साधना सिंह द्वारा बसपा प्रमुख मायावती को लेकर दिए विवादित बयान पर संज्ञान लिया है। आयोग इस विवादित बयान के लिए बीजेपी विधायक को नोटिस भेज रहा है।

बीजेपी विधायक के इस बेहद आपत्तिजनक बयान पर लखनऊ में केंद्रीय मंत्री रामदास अठावले ने कहा कि ‘हमारी पार्टी बीजेपी के साथ है, लेकिन हम मायावती के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी से सहमत नहीं हैं। वह हमारे दलित समुदाय की एक मजबूत महिला हैं, एक अच्छी प्रशासक हैं’। उन्होंने कार्रवाई की मांग की है। 

उधर अपनी नेता पर विवादित टिप्पणी से बीएसपी नेता भी भड़क गए। पार्टी महासचिव सतीश चंद्र मिश्रा ने साधना सिंह के इस बयान पर कड़ा विरोध जताते हुए कहा कि ‘बीजेपी विधायक ने हमारे पार्टी प्रमुख के लिए जिन शब्दों का इस्तेमाल किया, वह उनकी पार्टी के स्तर को दर्शाता है। सपा-बसपा गठबंधन की घोषणा के बाद बीजेपी नेताओं ने अपना मानसिक संतुलन खो दिया है और उन्हें आगरा या बरेली के मानसिक अस्पतालों में भर्ती कराया जाना चाहिए’।

हाल ही में बीएसपी के साथ महागठबंधन बनाने वाले यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने भी साधना सिंह के बयान को घोर निंदनीय बताया। उनका कहना था कि  ''मुगलसराय से भाजपा की महिला विधायक ने जिस तरह के आपत्तिजनक अपशब्द सुश्री मायावती जी के लिए प्रयोग किए हैं वे घोर निंदनीय हैं। ये भाजपा के नैतिक दिवालियापन और हताशा का प्रतीक है। ये देश की महिलाओं का भी अपमान है।''

दरअसल यह पहला मौका नहीं है जब बसपा प्रमुख मायावती पर किसी बीजेपी नेता ने विवादित टिप्पणी की हो। इससे पहले बीजेपी नेता दयाशंकर सिंह ने मायावती पर आपत्तिजनक टिप्पणी की थी। जिसके बाद उनको पार्टी से निकाल दिया गया था। दयाशंकर ने तब मायावती की तुलना वेश्या से की थी।