पटना। बिहार में कोरोना संक्रमण की स्थिति खराब होती जा रही है। राज्य में जिस रफ्तार से प्रवासियों की संख्या बढ़ती जा रही है उसी रफ्तार से राज्य में कोरोना संक्रमितों की संख्या में इजाफा हो रहा है। राज्य में पिछले 20 दिनों में कोरोना वायरस के 72 फीसदी मामलों में इजाफा हुआ है। राज्य में कोरोना संक्रमितों की संख्या 21 सौ ज्यादा हो गई है और इसमें ज्यादा हिस्सेदारी प्रवासियों की है। जो हाल की दिनों में राज्य में लौटे हैं।

बिहार में कोरोना मरीजों के आंकड़ों पर नजर डालें तो 15 मई को राज्य में महज 1000 पॉजिटिव केस सामने आए थे। लेकिन एक हफ्ते के अंदर ही ये बढ़कर 2100 हो गए हैं।  बिहार हेल्थ सोसाइटी के मुताबिक, तीन मई से अब तक बिहार लौटे 1184 प्रवासी मजदूरों में कोरोना वायरस संक्रमण पाया गया है। बिहार में कोरोना वायरस के मामले 2100 के पार हो गए हैं और  राज्य में अब तक 11 लोगों की मौत  कोरोना से हुई है। राज्य सरकार के स्वास्थ्य विभाग का कहना है कि पिछले 20 दिनों के दौरान बिहार में आए पॉजिटिव मामलों में 72 फीसदी मामले प्रवासियों के हैं।

राज्य में अब तक 1,184 प्रवासियों में कोरोना पाया गया है। स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों के मुताबिक, देशभर में कोरोना संक्रमित मरीजों का आंकड़ा एक लाख 25  हजार के पार पहुंच गया है। बिहार में भी इस खतरनाक वायरस का संक्रमण लगातार बढ़ता जा रहा है। राज्य  में 2100 से ज्यादा पॉजिटिव केस सामने आ चुके हैं, वहीं इस महामारी से 11 लोगों की मौत हुई है। हालांकि, सूबे में कोरोना वायरस के बढ़ने का सबसे बड़ा कारण प्रवासी मजदूर माने जा रहे हैं। जानकारी के मुताबिक, पिछले 20 दिनों के दौरान बिहार में आए पॉजिटिव केस में 72 फीसदी मामले प्रवासी मजदूरों के हैं।

 अगर आकंड़ों पर नजर डाले तो राज्य में 3 मई के बाद से 22 मई के बीच कोरोना संक्रमण के मामले तेजी से बढ़े हैं। इस दौरान करीब 1649 पॉजिटिव केस सामने आए हैं और इसमें से ज्यादा मामले प्रवासियों के हैं। जानकारी के मुताबिक दिल्ली से लौटे 333 प्रवासियों में संक्रमण पाया गया है जबकि महाराष्ट्र से आए 293 और गुजरात से लौटे 212 प्रवासियों में कोरोना के लक्षण मिले हैं।