असल में कोरोना संकटकाल से पहले भारतीय गैरजरूरी वस्तुओं और घूमने फिरने या शॉपिंग पर पैसा खर्च करते थे। लेकिन कोरोना संकट ने लोगों के घूमने फिरने पर पाबंदी लगा दी है। लोग अब घरों से जरूरी काम के लिए बाहर निकल रहे हैं। वहीं आऊटिंग पर जाना लोगों ने बंद कर दिया है।
नई दिल्ली। देश में कोरोना के कहर है और कोरोना ने अब लोगों का खर्च करने का तरीका बदल दिया है। क्योंकि कोरोना ने सीधे तौर पर देशवासियों की जेब पर असर डाला है। पहले भारतीय आवश्यक वस्तुओं और सेवाओं पर ज्यादा पैसे खर्च करते थे लेकिन अब लोगों ने अपने खर्च करने का तरीका बदल दिया। लोग अब उन्ही वस्तुओं को खरीद रहे हैं जो जरूरी हैं। जबकि पहले गैरजरूरी वस्तुओं को खरीदने में पैसा खर्च करते थे।
असल में कोरोना संकटकाल से पहले भारतीय गैरजरूरी वस्तुओं और घूमने फिरने या शॉपिंग पर पैसा खर्च करते थे। लेकिन कोरोना संकट ने लोगों के घूमने फिरने पर पाबंदी लगा दी है। लोग अब घरों से जरूरी काम के लिए बाहर निकल रहे हैं। वहीं आऊटिंग पर जाना लोगों ने बंद कर दिया है। अब भारतीय अपनी रोजमर्रा की चीजों पर खर्च करने लगे हैं।
जहां पर पहले प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने वाले पेय पदार्थों का इस्तेमाल भारतीय नहीं करते थे। लेकिन अब इन उत्पाद और आर्युवैदिक उत्पादों में लोग पैसा खर्च कर रहे हैं। कोरोना संकटकाल में पेय पदार्थ मसलन कोक और पेप्सी की खपत कम हो गई है और लोग इसकी तुलना में देशी पेय पदार्थ पीना पसंद कर रहे हैं।
पहले मॉल में जाकर गैरजरूरी वस्तुओं को खरीदने वाले ज्यादातर लोग अब राशन और खाने पीने की वस्तुओं में पैसा खर्च कर रहे हैं। अब लोग महंगे और अच्छे खाद्य उत्पादों को खरीदने से नहीं हिचक रहे हैं। सर्वेक्षण में यह भी पाया गया कि 28 फीसदी शहरी लोगों ने लॉकडाउन के दौरान नए, बेहतर गुणवत्ता वाले खाद्य उत्पादों को खरीदने का दावा किया है।
जबकि 62 फीसदी लोगों का कहना है कि खान पान से जुड़ी वस्तुओं का खर्चा बढ़ गया है वहीं घूमने के खर्च में कमी आई है। वहीं अब लोग खाने के अच्छे फूड प्रोडक्ट्स पर पैसा खर्च करे रहे हैं। हालांकि घर में रहने के कारण बिजली, इंटरनेट का बिल बढ़ गया है। क्योंकि लोग घर पर ही रह रहे हैं और मनोरंजन से लेकर पढ़ाई में इंटरनेट का इस्तेमाल ज्यादा हो रहा है।
वहीं 49 फीसदी लोग कहते हैं कि वह स्वास्थ्य को लेकर सीरियस हो गए हैं और कोरोना संकटकाल में उनका खर्च हेल्थ और दूसरे प्रोडक्ट्स पर बढ़ा है। घरों में जहां पहले हैंड सैनिटाइजर, मास्क और इम्युनिटी को बढ़ाने वाले उत्पादों पर खर्च नहीं होता था। लेकिन अब इन उत्पादों पर खर्चा बढ़ा है। इसके अलावा लोगों का कहना है कि अब वह पब्लिक ट्रांसपोर्ट का इस्तेमाल नहीं करते हैं बल्कि खुद की गाड़ी पर जाते हैं और इसके कारण उनके पेट्रोल का बिल भी बढ़ा है। हालांकि इस दौरान वह सेफ हैं।
Last Updated Jul 13, 2020, 7:53 AM IST