पटना। बिहार की राजनीति में एक आहट सुनाई दी जा रही है। बिहार की राजनीति के दो दिग्गज राष्ट्रीय जनता दल के अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव के बेटे तेजस्वी यादव इस साल  और लोकजनशक्ति पार्टी के संरक्षक राम विलास पासवान के बेटेचिराग पासवान एक दूसरे के करीब आ रहे हैं। हालांकि दोनों दल राज्य में एक दूसरे के खिलाफ चुनाव लड़े हैं। लेकिन कोरोना संकटकाल में दोनों युवा नेताओं के सुर एक ही ही हैं। ये दोनों नेता इस साल अक्टूबर-नवंबर के महीने में राज्य में होने वाले विधानसभा के चुनाव को टालने पक्ष में और आवाजें उठा रहे हैं। वहीं कोरोना दोनों नेताओं को एक दूसरे के करीब ला रहा है क्योंकि दोनों नीतीश कुमार के खिलाफ राज्य में खुद को मजबूत करने की इच्छा रखते हैं।

असल में राष्ट्रीय जनता दल के नेता तेजस्वी यादव राज्य में चुनाव को टालने के पक्ष में हैं अब इसके बाद एनडीए गठबंधन में घटक दल लोक जनशक्ति पार्टी के अध्यक्ष चिराग पासवान ने भी महामारी के बीच चुनाव कराने के पक्ष में  नहीं हैं। चिराग ने शुक्रवार को ट्वीट कर जानकारी दै ही कि राज्य में विधानसभा चुनाव 2020 के लिए उनकी तैयारी पूरी है, लेकिन उनकी पार्टी राज्य में चुनाव के पक्ष में नहीं हैं। लोजपा के मुताबिक पार्टी 94 विधानसभा सीटों पर चुनाव लड़ने के लिए पार्टी को तैयार कर रहे हैं और राज्य की अन्य 149 सीटों पार्टी खुद को तैयार कर रही है।

इसके जरिए चिराग ने भाजपा और जदयू को एक संदेश देने की कोशिश की है अगर उसे चुनाव में सम्मानजनक सीट नहीं मिली तो वह कोई भी फैसला ले सकते हैं। चिराग का कहना है कि राज्य में कोरोना का संक्रमण फैला हुआ है और चुनाव से राज्य में अतिरिक्त आर्थिक बोझ पड़ेगा। उन्होंने चुनाव आयोग से भी बिहार विधानसभा चुनाव के संबंध में सोचकर फैसला करने की मांग की।

पासवान ने कहा कि कोरोना महामारी के बीच लोग मतदान के लिए कम बाहर निकलेंगे और इसके कारण पोलिंग पर्सेंटेज भी काफी कम हो सकता है। जो लोकतंत्र के लिए ठीक नहीं है। बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने भी राज्य में चुनाव कराने को लेकर कहा कि ये समय सही नहीं है। क्योंकि राज्य में कोरोना की माहमारी फैली हुई है। वहीं राज्य में कोरोना का संक्रमण बढ़ रहा है, लिहाजा कैबिनेट, प्रशासन और पूरी सरकार चुनाव में व्यस्त है।