जानकारी के मुताबिक राज्य समस्तीपुर जिले के सिविल सर्जन डॉ आर आर झा समेत 13 डॉक्टरों की मौत कोरोना संक्रमण से हुई है। ये सभी मौतें जुलाई महीने में ही हुई है। कोरोना संक्रमण से मरने वाले डॉक्टरों की 60 से लेकर 67 वर्ष के बीच की है।
पटना। बिहार में कोरोना का कहर जारी है और राज्य में कोरोना के मामलों में लगातार इजाफा हो रहा है। राज्य में कोरोना के कहर का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि राज्य में महज 18 दिनों में कोरोना संक्रमण से 13 डॉक्टरों की मौत हुई है। वहीं राज्य के सभी जिले कोरोना से प्रभावित हैं।
जानकारी के मुताबिक राज्य समस्तीपुर जिले के सिविल सर्जन डॉ आर आर झा समेत 13 डॉक्टरों की मौत कोरोना संक्रमण से हुई है। ये सभी मौतें जुलाई महीने में ही हुई है। कोरोना संक्रमण से मरने वाले डॉक्टरों की 60 से लेकर 67 वर्ष के बीच की है। उधर राज्य में लगातार डॉक्टरों की कोरोना से हो रही मौत को लेकर बिहार आईएमए के सेक्रेटरी डॉक्टर सुनील कुमार का कहना है कि राज्य सरकार से इसके लिए अनुरोध किया गया कि राज्य में जिन डॉक्टरों की उम्र 60 और 65 साल के बीच है उन्हें घर से ही काम करने की सुविधा उपलब्ध कराई जाए, लेकिन अभी तक सरकार ने इस बारे में कोई फैसला नहीं लिया है।
वहीं आईएमए के उपाध्यक्ष डॉक्टर अजय कुमार ने राज्य सरकार पर आरोप लगाए हैं कि जो पीपीई किट सरकारी अस्पतालों में दी गई हैं उसकी क्वालिटी बहुत अच्छी नहीं है। वहीं दिल्ली से आई टीम ने पीपीई किट की क्वालिटी को सही नहीं बताया था। फिलहाल पटना एम्स में 13 जुलाई को गया के डॉक्टर अश्विनी कुमार,14 जुलाई को ईएनटी स्पेशलिस्ट डॉक्टर एनके सिंह, 20 जुलाई को डॉक्टर कल्याण कुमार, डॉ आर आर झा और अररिया के डॉक्टर जीएन साह की 22 जुलाई को मौत हुई है। वहीं 24 जुलाई को डॉ अवधेश कुमार सिंह, डॉ महेंद्र चौधरी और डॉ मिथिलेश कुमार सिंह की मौत कोरोना संक्रमण से हुई है जबकि मुंगेर के डॉक्टर डीएन चौधरी की 25 जुलाई को मौत कोरोना से हुई है।
पटना बना कोरोना सेंटर
राज्य में राजधानी पटना कोरोना संक्रमण का बड़ा केन्द्र बन गया है अब तक जिले में कोरोना संक्रमण के कुल 8130 मामले मिले हैं और इसमें से 3586 संक्रमित हैं जबकि 4139 मरीज स्वस्थ हो चुके हैं। सक्रिय मरीजों में महज 350 से 370 लोग ही अस्पतालों में भर्ती हैं। वहीं ज्यादातर मरीजों का इलाज सरकारी आइसोलेशन सेंटरों में चल रहा है जबकि 2700 से 2800 मरीज घरों में आइसोलेशन में रह रहे हैं।
मास्क न पहनने पर 15 दिनों में वसूला 28.36 लाख का जुर्माना
राज्य सरकार ने लॉकडाउन लागू किया था और इसमें पिछले 15 दिनों में करीब 17 हजार ऐसे लोग पकड़े गए जो बगैर मास्क के घूम रहे थे और इन लोगों से अब तक 28.36 लाख का जुर्माना किया है। अकेले राजधानी पटना में आठ ऐसी टीमें गठित की थी जो सड़क पर चलने वाले लोगों के मास्क की चेकिंग कर रही थी और इस दौरान टीम ने 16993 लोगों को बगैर मास्क के पकड़ा।
Last Updated Aug 1, 2020, 3:04 PM IST