नई दिल्ली। दिल्ली स्थित जवाहर लाल विश्वविद्यालय में रविवार की शाम हुई हिंसा को लेकर देशभर में विरोध प्रदर्शन चल रहे हैं। लेकिन अब इन विरोध प्रदर्शनों की आड़ में देश विरोध तत्व अपना एजेंडा चला रहे हैं। जिसको तथाकथित बुद्धिजीवी और फिल्म उद्योग के लोग भी दे रहे हैं। जो इस बात से साफ होता है कि मुंबई इस विरोध प्रदर्शन के दौरान 'फ्री कश्मीर' का पोस्टर भी लगा। लेकिन विपक्षी दलों ने अभी तक इसका विरोध नहीं किया है। लेकिन इस पोस्टर से ये बात साफ हो जाती है कि जिस तरह से सीएए और एनआरसी विरोध के जरिए भारत विरोध और हिंदू विरोधी पोस्टर लगे, कुछ ऐसा ही जेएनयू हिंसा के विरोध के पीछे इसी तरह का देश विरोध एजेंडा चलाया जा रहा है।

मुंबई में जेएनयू में हिंसा के विरोध में आयोजित एक प्रदर्शन में एक छात्रा के हाथ में 'फ्री कश्मीर' का पोस्टर सोशल मीडिया में वायरल हो रहा है। जिसको लेकर अब सियासी घमासान शुरू हो गया है। लेकिन साफ हो गया है कि देश विरोध इस तरह के विरोध प्रदर्शनों के जरिए भारत विरोधी एजेंडे को चला रहे हैं। भाजपा ने इसकी जमकर आलोचना की है। महाराष्ट्र के पूर्व सीएम देवेंद्र फडणवीस ने राज्य की उद्धव सरकार को आड़े हाथों लिया है तो कांग्रेस नेतृत्व से नाराज चल रहे कांग्रेस नेता संजय निरुपम ने भी इस तरह के पोस्टर को लेकर उठाए हैं।

जेएनयू हिंसा के खिलाफ मुंबई में सोमवार को प्रदर्शन हुआ और ये प्रदर्शन मंगलवार की सुबह तक जारी रहे। हाथ में पोस्टर लिए और विरोध जताते हुए लोगों ने गेटवे ऑफ इंडिया पर प्रदर्शन किया। इसी दौरान एक छात्रा ने 'फ्री कश्मीर' का पोस्टर हाथ में लिया। ये पोस्टर सोशल मीडिया में वायरल हुआ तो महाराष्ट्र के साथ ही देशभर सियासी घमासान शुरू हो गया। भाजपा नेता और पूर्व सीएम फडणवीस ने कहा कि राज्य की उद्धव ठाकरे सरकार कब तक भारत विरोधी अभियान को बर्दाश्त है।

फडणवीस ने सवाल किया है कि इस तरह के पोस्टर क्यों लगाए जाए रहे हैं और राज्य में इस तरह के अलगाववादी तत्वों क्यों को सहा जा रहा है और कौन सी मजबूरी है। फडणवीस ने कहा कि ठाकरे सरकार के नीचे ही फ्री कश्मीर और ऐंटी इंडिया कैंपेन चल रहा है। हालांकि इस पोस्टर को लेकर कांग्रेस नेतृत्व से नाराज चल रहे संजय निरुपम ने भी सवाल उठा हैं। उन्होंने इस तरह के प्रदर्शन में 'फ्री कश्मीर' के पोस्टर पर आपत्ति जताई।

इस तरह के देश विरोध पोस्टर छात्र आंदोलन को बदनाम कर रहे हैं। राज्य  की उद्धव ठाकरे सरकार को इसकी जांच करानी चाहिए। जेएनयू में हिंसा के विरोध में हुए गेटवे ऑफ इंडिया पर हुए प्रदर्शन में फिल्म उद्योग कई हस्तियां मौजूद थी। प्रदर्शनकारियों को अपना समर्थन देने के लिए अनुभव सिन्हा, अनुराग कश्यप, दीया मिर्जा, जोया अख्तर, राहुल बोस, विशाल भारद्वाज, तापसी पन्नू भी पहुंचे।