सबरीमला मंदिर में महिलाओं के प्रवेश के बाद केरल के कोझिकोड में तीन जनवरी से लगातार हिंसा की घटनाएं हो रही हैं। राज्य में कई जगह सीपीएम और भाजपा के कार्यकर्ताओं के बीच झड़पें हुई हैं। इस बीच, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के कार्यकर्ताओं को कोझिकोड के एसएम गली में एक मंदिर में शरण लेनी पड़ी, जब उन्हें कथित तौर पर एक मस्जिद को नुकसान पहुंचाने की वजह से धमकियां दी जानें लगीं। 

हालंकि 'माय नेशन' के पास उस एफआईआर की प्रति उपलब्ध है जिसमें कोझिकोड के परमबरा में एक मस्जिद को नुकसान पहुंचाने के लिए सीपीएम के शाखा सचिव और अन्य को नामजद आरोपी बनाया गया है। 

सूत्रों के मुताबिक, सांप्रदायिक हिंसा फैलाने की इरादे से जानबूझकर ऐसा किया गया और इसका आरोप संघ परिवार पर लगा दिया गया। इस बीच, कई भक्तों का कहना है कि पिनराई विजयन के नेतृत्व में माकपा के कार्यकर्ता प्रार्थनास्थलों को नुकसान पहुंचा रहे हैं। इनमें से कुछ ने मुख्यमंत्री के इस्तीफे की मांग की है। 

पुलिस सूत्रों के अनुसार, केरल में हिंसक प्रदर्शनों के आरोप में कुल 1300 मामले दर्ज किए गए हैं। अभी तक लगभग 3200 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। 

राज्य की मौजूदा लेफ्ट सरकार ने पुलिस की मदद से सबरीमला में तीन महिलाओं को प्रवेश कराया है। इसके लिए वह सुप्रीम कोर्ट के आदेश को ढाल बना रही है। इसके भगवान अयप्पा के भक्तों में नाराजगी है। पूरे राज्य में हिंसक प्रदर्शन हो रहे हैं। 

इस बीच, सबरीमला में दो महिलाओं के प्रवेश करने के बाद शुद्धिकरण की प्रक्रिया की गई। वहीं मंदिर के पुजारी और अयप्पा के भक्त 22 जनवरी को सुप्रीम कोर्ट में दाखिल अपनी पुनर्विचार याचिका को लेकर होने वाले फैसले का इंतजार कर रहे हैं।