हाईप्रोफाइल रोहित शेखर मर्डर केस में दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच की टीम वैज्ञानिक सबूत जुटाने की कोशिश कर रही है। हालांकि उसे अभी तक कोई सफलता नहीं मिली है। लेकिन दिलचस्प ये है कि क्राइम ब्रांच इस मर्डर केस में तंत्र-मंत्र के एंगल से भी जांच कर रही है और इसके लिए वह अपूर्वा के मोबाइल फोन के डेटा को रिकवर करने के लिए साइबर एक्सपर्ट की मदद ले रही है।

उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री नारायण दत्त तिवारी के बेटे रोहित शेखर तिवारी मर्डर केस में अभी तक दिल्ली पुलिस के हाथ में कोई वैज्ञानिक सबूत नहीं लगा है। इस मामले में अपूर्वा के बयान के आधार पर ही पुलिस उसे हत्यारा बता रही है। लेकिन सबूत न होने के कारण उसे अदालत में हत्यारा साबित करने मुश्किल होगा। क्योंकि वह अदालत में अपने बयान से मुकर सकती है। हालांकि एक नौकर के बयान और सीसीटीवी कैमरे की रिकार्डिंग को पुलिस बड़ा सबूत मान रही है।

फिलहाल पुलिस नार्को टेस्ट कराने के लिए कानूनी जानकारों से सलाह मशविरा कर रही है। हाई प्रोफाइल मर्डर केस होने के कारण इस मामले में पुलिस फूंक-फूंक चल चल रही है। वहीं अपूर्वा शुक्ला तिवारी का एक वकील होना भी पुलिस के लिए दिक्कत भरा है। क्योंकि बगैर किसी सबूत के पुलिस अदालत में अपूर्वा को कातिल साबित नहीं कर पाएगी और वह अच्छी तरह से कानूनी बारिखियों को जानती है। अब पुलिस इस मामले में तंत्र-मंत्र के एंगल पर भी पड़ताल कर रही है। पुलिस के मुताबिक शादी से पहले रोहित और अपूर्वा दोनों मांगलिक थे और अपूर्वा तंत्र-मंत्र में विश्वास करती है।

लिहाजा शादी के बाद दोनों के बीच खराब रिश्तों के लिए अपूर्वा ने अपने घर इंदौर में पूजा अर्चना भी करायी थी। इसके साथ ही अपूर्वा हवन पूजा कराती रहती थी। उसका इन सब पर पूरा विश्वास है। लिहाजा पुलिस इसकी जांच कर रही है कि कहीं अपूर्वा किसी तांत्रिक के संपर्क में तो नहीं थी। लिहाजा इस मामले में पुलिस अपूर्वा शुक्ला के मोबाइल फोन भी खंगाल रही है। लेकिन उसने अपने मोबाइल पर कई चीजें डिलीट कर दी हैं।