नई दिल्ली: अरविंद केजरीवाल और मनीष सिसोदिया के खिलाफ आपराधिक मानहानि की याचिका दायर की गई है। अदालत इस मामले में 24 जून को याचिकाकर्ता और उनके द्वारा दिए गए गवाहों के बयान दर्ज कराएगी। जिसके बाद अदालत यह तय करेगी कि केजरीवाल और सिसोदिया को समन जारी किया जाए या नहीं। 

विजेन्द्र गुप्ता ने यह याचिका इसलिए दायर की है क्योंकि दिल्ली के मुख्यमंत्री केजरीवाल और उप मुख्यमंत्री सिसोदिया ने विजेंद्र गुप्ता पर हत्या की साजिश रचने वालों का साथ देने का आरोप लगाया था। 

इससे नाराज होकर गुप्ता ने केजरीवाल और सिसोदिया को एक सप्ताह पहले कानूनी नोटिस भेजकर उनसे माफी मांगने के लिए कहा था। लेकिन केजरीवाल और सिसोदिया ने इस कानूनी नोटिस का जवाब नही दिया। जिसके बाद अदालत में यह याचिका दायर की गई। 

लोकसभा चुनाव के दौरान दिल्ली के मुख्यमंत्री ने एक पंजाबी चैनल को दिए साक्षात्कार में कहा था कि जिस तरह से इंदिरा गांधी की हत्या की गई थी ठीक उसी तरह बीजेपी भी उनके अपने निजी सुरक्षा अधिकारी के जरिये उनकी हत्या करवाना चाहती हैं। 

इस आरोप के जवाब में गुप्ता ने ट्वीट किया कि ‘चार मई को थप्पड़ कांड से पहले मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने संपर्क अधिकारी से अपने वाहन के आसपास मौजूद सुरक्षा घेरे को हटाने का निर्देश दिया था। मुख्यमंत्री का निर्देश रोजनामचे में दर्ज हैं। इससे आप कोई चुनावी फायदा नहीं हासिल कर सकी क्योंकि मैंने इसका खुलासा कर दिया। इसलिए हताश केजरीवाल यह कह रहे हैं कि उनका पीएसओ भाजपा को रिपोर्ट करता है’। 

इस मामले में उपमुख्यमंत्री सिसोदिया ने भी पलटवार करते हुए आरोप लगाया कि अरविंद केजरीवाल की हत्या की साजिश रचने वालों में गुप्ता भी शामिल हैं।

इसके अलावा राउज एवेन्यू कोर्ट में केजरीवाल के खिलाफ एक और मामला चल रहा है। जिसपर कल यानी शुक्रवार को फैसला सुनाया जाएगा। बीजेपी सांसद रमेश विधूड़ी द्वारा दाखिल आपराधिक मानहानि के मामले में राउज एवेन्यू कोर्ट शुक्रवार को फैसला सुनाएगा कि केजरीवाल को मानहानि मामले में बयान दर्ज कराने के लिये अदालत में पेश होना जरुरी है या नही। 2015 में एक टीवी इंटरव्यू में केजरीवाल ने बीजेपी सांसद रमेश बिधूड़ी के खिलाफ गंभीर आरोप दर्ज होने का आरोप लगाया था।