नई दिल्ली। मणिपुर में भाजपा सरकार पर छाया सियासी संकट टल गया है और राज्य में सरकार से समर्थन लेने वाले विधायकों की केन्द्रीय गृहमंत्री अमित शाह से मुलाकात के एनपीपी विधायकों ने सरकार को समर्थन देना का फैसला किया है और अब मणिपुर जाकर सरकार को फिर समर्थन देने का ऐलान करेंगे।

पूर्वोत्तर में भाजपा के संकटमोचक माने जाने वाले हेमंत बिस्‍व सरमा एक बार फिर मजबूत होकर उभरे हैं। सरमा ने राज्य में सियासी संकट को खत्म करने के लिए अहम भूमिका निभाई और विधायकों को मनाने में कामयाब रहे। सरमा ने बताया कि एनपीपी मणिपुर में भाजपा सरकार को समर्थन जारी रखेगी। राज्य में गठबंधन की सरकार पर चल रहे संकट के बादल फिलहाल छंट गए हैं। दिल्ली में केन्द्रीय गृह मंत्री अध्‍यक्ष अमित शाह और भाजपा अध्‍यक्ष जेपी नड्डा से से नेशनल पीपुल्‍स पार्टी के बागी विधायकों की बैठक के बाद अब साफ हो गया है कि राज्य में भाजपा सरकार बच गई है।

क्योंकि अब विधायकों ने समर्थन देने का फैसला किया है। बागी विधायकों के साथ पार्टी प्रमुख और मेघालय के मुख्‍यमंत्री कोनराड संगमा और भाजपा नेता और नॉर्थ ईस्‍ट डेमोक्रेटिक अलायंस के संयोजक हेमंत बिस्‍व सरमा ने शाह और नड्डा के साथ मुलाकात की। बाद में सरमा ने कहा कि एनपीपी मणिपुर में भाजपा सरकार को समर्थन जारी रखेगी। जानकारी के मुताबिक विधायक राज्‍यपाल से मिलेंगे और सरकार को अपना समर्थन देने का दावा करेंगे।

चार मंत्रियों वापस लिया समर्थन

राज्य में भाजपा की अगुवाई वाली गठबंधन सरकार से उपमुख्यमंत्री वाई जॉय कुमार सिंह, आदिवासी एवं पर्वतीय क्षेत्र विकास मंत्री एन कायिशी, युवा मामलों और खेल मंत्री लेतपाओ हाओकिप और स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री एल जयंत कुमार सिंह ने समर्थन वापस लेकर इस्तीफा दे दिया था। इन विधायकों ने कांग्रेस को समर्थन देने का भी ऐलान किया था। लेकिन अब विधायकों के मान जाने के बाद कांग्रेस को बड़ा झटका लगा है।  पहले ही कांग्रेस राज्यसभा का चुनाव हार चुकी है और उसे उम्मीद थी कि वह राज्य की सत्ता पर फिर से काबिज होगी। लेकिन एनपीपी विधायकों ने कांग्रेस की उम्मीदों पर पानी फेर दिया है।