जयपुर। राजस्थान में सियासी संकट जारी है और राज्य अशोक गहलोत सरकार पर संकट के बादल छाए हुए हैं। सरकार बचाने के लिए कांग्रेस और कांग्रेस सरकार को समर्थन दे रहे विधायक जैसलमेर में होटलों में हैं। वहीं सचिन पायलट की अगुवाई में बागी विधायक हरियाणा के मानेसर में होटलों में हैं। वहीं जारी सियासी संकट के बीच राजस्थान पुलिस की जांच में सनसनीखेज जानकारी सामने आई है।

पुलिस का दावा है कि राज्य में अशोक गहलोत सरकार को गिराने की साजिश रची गई थी और इसमें भाजपा के नेता शामिल हैं। पुलिस का दावा है कि भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष सतीश पूनिया की कांग्रेस के बागी नेता सचिन पायलट गुट के विधायकों से जुलाई महीने में दो बार मुलाकात हुई थी। हालांकि भाजपा अभी तक दावा करती आई है उसका कांग्रेस के भीतर बगावत से कोई लेना देना नहीं हैं।

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक इस मामले की जांच कर रहे एक अफसर ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि  भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सतीन पूनिया ने 18 जुलाई और 29 जुलाई को दो बार कांग्रेस के बागी सचिन पायलट गुट के विधायकों से मुलाकात की थी। पुलिस अफसर का दावा है कि ये दोनों मुलाकात हरियाणा के मानेसर में हुई थी। वहीं इस मामले की जांच कर रही एसओजी के अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक अशोक राठौर का कहना है कि अभी इस मामले की जांच चल रही है और फिलहाल किसी भी निकर्ष पर नहीं पहुंचा जा सकता है। 

करीब बीस दिन से होटलों में बंद हैं विधायक

राजस्थान में पिछले 20 दिनों से कांग्रेस और कांग्रेस सरकार को समर्थन दे रहे विधायक होटलों में कैद हैं और सरकार पर सियासी संकट छाया हुआ है। राज्य में पिछले महीने 12 तारीख को सचिन पायलट को कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष पद से हटा दिया गया था और इससे पहले उन्होंने गहलोत सरकार के खिलाफ बगावत शुरू कर दी थी। सचिन पायलट के साथ 18 विधायकों का समर्थन है। 

एसओजी ने दावा निर्दलीय विधायकों ने की थी पेशकश

राज्य में विधायकों को घूस दिए जाने के मामले में राजस्थान की एसओजी जांच कर रही है और एसओजी का दावा है कि निर्दलीय विधायकों कांग्रेस विधायकों को गहलोत सरकार को गिराने के लिए पैसे की पेशकश की थी। एसओजी सरकार को गिराने के प्रयास के लिए भारतीय दंड संहिता की धारा 124 ए (राजद्रोह) और 120 बी (आपराधिक साजिश) के तहत दर्ज मामले दर्ज किए हैं इसकी जांच की जा रही है।