केरल में बाढ़ और बारिश ने बुरी तरह तभाई मचाई हुई है। अलग-अलग इमारतों और छतों पर फंसे हजारों लोगों को सुरक्षित स्थानों तक पहुंचाया जा रहा है। कुछ लोगों को आर्मी बोट, मछली पकड़ने वाली नाव आदि की मदद से बचाया जा रहा हैं। लेकिन वहीं बाढ़ के कारण 357 लोग अपनी जान गवां बैठे हैं। केरल के हालात अभी भी सुधर्ने को नहीं आ रहे हैं और इसकी वजह है बारिश का न रुकना।

बता दें अब तक राज्य को 21,000 करोड़ का नुकसान हो चुका है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को केरल के बाढ़ प्रभावित इलाकों का हवाई सर्वेक्षण करने के बाद अहम बैठक की। केरल के लोगों की मदद के लिए राज्यों की ओर से भी मदद की घोषणाएं की गई हैं। NDRF ने कहा है कि उसने अब तक का सबसे बड़ा बचाव अभियान शुरू किया है। भारी बारिश वाले एर्नाकुलम जिले में 54,000 से ज्यादा लोगों को बचाकर सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा चुका है। कोच्चि के पास श्री शंकराचार्य यूनिवर्सिटी कैंपस में एक इमारत में दो दिनों से फंसे 600 से ज्यादा स्टूडेंट्स को शनिवार को निकाल लिया गया है।

बाढ़-बारिश से जुझ रहे केरल के 3.53 लोग 3026 केंपों में रह रहे हैं। 40,000 हेक्टेयर क्षेत्र में फसलें बर्बाद हो गई हैं। 1,000 से ज्यादा घर पूरी तरह से नष्ट हो गए और 26,000 घरों को नुकसान पहुंचा है। अधिकारियों का कहना है कि 134 पुल, 16000 किमी सड़कें, 82000 किमी लंबी स्थानीय सड़कें पूरी तरह से बर्बाद हो गई हैं। कुल मिलाकर केरल बाढ़ में अब तक 21,000 करोड़ का नुकसान हो चुका है।

सरकार द्वारा अब तक केरल के लोगों के बचाव व मदद के लिए 6,900 लाइफ जैकेट्स, 3,000 जीवन रक्षक पेटी, 167 टावर लाइट्स, 2100 रेनकोट्स, 1300 गमबूट्स और 153 चेन आरी उपलब्ध कराए गए हैं। 

अब बात करे खाने पीने की तो विभिन्न केंद्रीय मंत्रालयों की ओर से 3 लाख खाने के पैकेट्स, लाखों लीटर दूध, 14 लाख लीटर पीने का पानी, पानी साफ करने की 150 किट उपलब्ध कराए गए हैं।