बीते एक हफ्ते से बंगाल की खाड़ी में जारी तुफान फानी अब खतरनाक चक्रवात बन चुका है. यह बेहद गंभीर चक्रवाती तूफान ‘फानी’ के पूर्वी तट की ओर मुड़ने के कारण तटीय इलाकों के निचले क्षेत्रों से आठ लाख लोगों को निकालने का काम जोरशोर से चल रहा है। मौसम विभाग का आंकलन है कि यह गंभीर चक्रवात 3 मई को ओडिशा के तटों तक पहुंच जाएगा। 

इस चक्रवात से निपटने के लिए केन्द्र सरकार ने नौसेना, वायुसेना, सेना और तटरक्षक बल को हाई अलर्ट पर कर दिया है।  वहीं डिजास्टर मैनेजमेंट विभाग (एनडीआरएफ), ओडिशा आपदा रैपिड एक्शन फोर्स(ओडीआएएएफ) और दमकल जवानों को किसी भी इमरजेंसी स्थिति से निपटने के लिए तैयार किया जा चुका है।
मौसम विभाग का आंकलन है कि इस चक्रवात से 200 घंटा प्रति किलोमीटर की रफ्तार तेज आंधी आएगी। वहीं चक्रवात की रफ्तार और खतरे को मापते हुए फानी को मिड-रेंज कैटेगरी 3 का चक्रवात आंका गया है।

गौरतलब है कि माय नेशन ने स्काइमेट के हवाले से पहले सतर्क किया था कि चक्रवात फानी नई दिशा की तरफ बढ़ रहा है और यह अगले 24 से 48 घंटों के दौरान ओडिशा और तटीय आंध्रप्रदेश की तरफ रुख कर सकता है. तूफान की मौजूदा चाल के मुताबिक कलिंगपट्टनम, गोपालपुर, पुरी और परादीप के क्षेत्रों में तूफान फानी जमीन छू सकता है.

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ओडिशा में राहत काम को देख रहे विशेष राहत आयुक्त (एसआरसी) बीपी सेठी ने बताया कि चेन्नई, विशाखापतनम और मछलीपट्टनम में स्थित डॉप्लर मौसम रडार के जरिए चक्रवात का पता लगाया जा रहा है। सेठी के मुताबिक तटीय जिलों के निचले और चपेट में आने वाले क्षेत्रों के लोगों को 880 चक्रवात केंद्रों, स्कूल और कॉलेज की इमारतें और अन्य ठिकानों जैसे सुरक्षित स्थानों पर ले जाया जा रहा है।

सेठी के मुताबिक आठ लाख लोगों को निकालने का काम देश में अब तक का सबसे बड़ा अभियान है जिसके तहत इतनी बड़ी आबादी को एक जगह से सुरक्षित जगह पर ले जाने के लिए चलाया गया।