नई दिल्ली।  कोरोना के कहर के साथ ही महाराष्ट्र और गुजरात में चक्रवाती तूफा निसर्ग गुजरात और महाराष्ट्र के तटीय इलाकों में कहर ढा सकता है। मौसम विभाग ने चेतावनी दी है कि अगले 36 घंटों में निसर्ग उत्तरी महाराष्ट्र और दक्षिणी गुजरात से टकराएगा और तूफान के साथ ही भारी बारिश होने की आशंका है। जिसके कारण इन दोनों राज्यों में नुकसान हो सकता है। वहीं गुजरात सरकार ने राज्य के दस जिलों में एनडीआरएफ की दस टीमों को प्रभावित जिलों में तैनात कर दिया है।

विभाग का कहना है कि गुजरात के तट पर तीन जून को चक्रवाती तूफान के टकराने की आशंका है। जिसके बाद राज्य  सरकार ने निचले स्थानों पर रहने वालों लोगों को निकालने का आदेश दिया है। असल में तूफान के साथ ही तेज बारिश की आशंका है।  जिसके कारण निचले स्थानों पर पानी भर सकता है। राज्य सरकार ने तूफान को देखते हुए आधा दर्जन से अधिक जिलों में में राष्ट्रीय आपदा मोचन बल/एनडीआरएफ की दस टुकड़ियों को तैनात कर दिया है। विभाग का कहना है कि अरब सागर पर बने कम दबाव के कारण अगले 36 घंटों में चक्रवात का रूप ले सकता है। वहीं इसके साथ ही 90 किलोमीटर की प्रति घंटा से तेज हवाएं चल सकती हैं।

फिलहाल तीन जून की शाम को चक्रवाती तूफान उत्तरी महाराष्ट्र और दक्षिणी गुजरात को पार कर जाएगा। इस तूफान के साथ तेज बारिश हो सकती है। वर्तमान में ये सूरत से 900 किलोमीटर दूर है और तेजी से इन दोनों राज्यों की तरफ बढ़ रहा है। इस तूफान के  90 से 100 किलोमीटर प्रति घंटा रहने का अनुमान है।  तूफान के कारण दक्षिणी गुजरात में तीन और चार जून को भारी बारिश हो सकती है वहीं सौराष्ट्र क्षेत्र भावनगर और अमरेली जिलों में भी तूफान का असर देखने को मिलेगा। हालांकि पिछले दिनों ओडिशा और बंगाल में आए तूफान का तुलना में ये थोड़ा कमजोर है। इससे इन दोनों राज्यों को बारिश और हवाओं के कारण नुकसान हो सकता है।

फिलहाल गुजरात सरकार ने तूफान को देखते हुए अपनी तैयारियां शुरू कर दी हैं। मुख्यमंत्री विजय रूपाणी ने कहा कि चक्रवात के कारण उत्पन्न होने वाली स्थिति से निपटने के लिए इससे प्रभावित पांच जिलों- सूरत, भरुच, नवसारी, वलसाड और दांग और सौराष्ट्र के भावनगर और अमरेली जिले में एनडीआरएफ को तैनात कर दिया गया है। वहीं स्थानीय प्रशासन भी अपनी तैयारियों में जुटा है।