गणतंत्र दिवस से एक दिन पहले देश के महत्वपूर्ण नागरिक सम्मानों 'पद्म पुरस्कारों' की घोषणा की गई। तीन हस्तियों को भारत रत्न, चार हस्तियों को पद्म विभूषण, 14 को पद्म भूषण और 94 को पद्मश्री देने का ऐलान हुआ। केंद्र में नरेंद्र मोदी सरकार के आने के बाद से पद्मश्री पुरस्कार पाने वालों में बहुत सामान्य लोग शामिल रहे हैं। इस बार भी पद्मश्री पाने वालों में एक ऐसे शख्स का नाम है जिसके बारे में कम ही लोग जानते हैं, लेकिन वह जो काम कर रहे हैं, किसी मिसाल से कम नहीं हैं। ये हैं ओडिशा के कटक के रहने वाले डी प्रकाश राव। वह पिछले 67 सालों से चाय बेचने का काम कर रहे हैं, लेकिन उन्हें चाय बेचकर जो पैसा मिलता है, उसका बड़ा हिस्सा समाजसेवा में लगा देते हैं, जिसके चलते कटक और आसपास के इलाकों के लोग उनका काफी सम्मान करते हैं।

वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी उनके काम से इतने प्रभावित हुए कि न सिर्फ उड़ीसा दौरे में उनसे मुलाकात की। बल्किन 30 मई 2018 को पीएम मोदी ने मन की बात में डी प्रकाश के बारे में बताते हुए कहा कि 'मुझे आज ओडिशा स्थित कटक के एक चाय बेचने वाले डी प्रकाश राव से मुलाकात का मौका मिला। वह पिछले 5 दशक से चाय बेच रहे हैं, लेकिन वह जो काम कर रहे हैं उसके बारे में जानकर आप सभी हैरान रह जाएंगे। वह ऐसे 70 से भी अधिक बच्चों को पढ़ाने का काम कर रहे हैं, जो खराब आर्थिक स्थिति के चलते स्कूल नहीं जा पाते। यही नहीं, उन्होंने अपनी झुग्गी में ही आशा आश्वासन खोला है, जिसमें वह ऐसे लोगों को सहारा दे रहे हैं, जिनके पास अपना घर नहीं है।'

डी प्रकाश राव पिछले 67 सालों से चाय बेच रहे हैं और अपनी कमाई का बड़ा हिस्सा गरीब बच्चों को पढ़ाने में लगा देते हैं। राव एक स्कूल भी चलाते हैं, जहां जाकर वह झुग्गी के बच्चों को मुफ्त में पढ़ाते हैं और स्कूल के बाद वह रोज अस्पताल जाते हैं, जहां वह अस्पताल में मरीजों और उनके परिजनों की सेवा करते हैं और गर्म पानी पहुंचाते हैं। यह उनका नियमित काम है। इसके अलावा वह जरूरत पड़ने पड़ रक्तदान भी करते है। वहीं कभी स्कूल न जाने के बाद भी वह हिंदी और इंग्लिश काफी अच्छे से बोल लेते हैं, जिसके कारण वह बच्चों को भी अच्छे से पढ़ा पाते हैं. यही कारण है कि आज उनका नाम ऐसी हस्तियों में शामिल है, जिन्हें देश के महत्वपूर्ण पुरस्कार से सम्मानित किया जा रहा है।