नई दिल्ली। इस बार फिर चीन की साजिश सामने आ रही है। इस बार चीन ने स्वीकार स्वीकार किया कि पिछले हफ्ते लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा के पास भारतीय सैनिकों के साथ हुई उसके सैनिकों के साथ झड़प में उसने 20 से कम सैनिक गंवाए हैं। हालांकि ये चीन की साजिश भी हो सकती है। क्योंकि चीन इसके जरिए ये बताना चाहता है कि उसे भारत की तुलना में कम नुकसान पहुंचा। ताकि भारत में विपक्षी दल इसे एक बड़ा मुद्दा बना सकें।  हालांकि भारत की सेना पहले ही बता चुकी है कि चीन के कम से कम 43 सैनिकों को भारतीय सैनिकों ने मौत के घाट उतार दिया था।


चीन लगातार साजिशें कर रही है। पहले तो उनसे अपने देश के सैनिकों के बारे में किसी भी तरह की खबर नहीं दी। यहां तक कि अभी तक चीनी सरकार का भी कोई बयान सामने नहीं आया है। लेकिन चीन के मुखपत्र माने जाने वाले ग्लोबल टाइम ने बताया है कि चीन के 20 से कम सैनिक मरे हैं। ये चीन की  साजिश भी हो सकती है ताकि इसके जरिए वह भारत पर दबाव बना सके क्योंकि देश में कांग्रेस और विपक्षी दल केन्द्र सरकार के खिलाफ लगातार बयान दे रही हैं औऱ चीनी मुखपत्र के बयान को मुद्दा बनाकर केन्द्र सरकार को घेर रही हैं।  हालांकि अभी भी चीनी सरकार ने इस बात को नहीं माना है। ये ग्लोबल टाइम्स ने माना है।


 बीजिंग में चीनी कम्युनिटी पार्टी के मुखपत्र ग्लोबल टाइम्स ने एक बार फिर दांव खेला है कि चीनी सरकार हताहतों कि संख्या इसलिए नहीं बताना चाहती है कि क्योंकि इससे सीमा पर संघर्ष बढ़ सकता है और भारत सरकार दबाव में आ सकती है। वहीं ग्लोबल टाइम्स की रिपोर्ट में पूर्व सेना प्रमुख जनरल वीके सिंह के दावों का भी उल्लेख किया गया है जिसमें उन्होंने कहा था कि गलवान घाटी में पीएलए के 40 सैनिक से अधिक सैनिक मारे गए हैं।