एक असैनिक अधिकारी द्वारा सैन्य ध्वज का इस्तेमाल करने के मुद्दे पर छिड़ी बहस के दौरान रक्षा मंत्रालय की प्रवक्ता की यह टिप्पणी सामने आई। हालांकि उन्होंने तुरंत ट्वीट डिलीट भी कर दिया।
पूर्व नौसेना प्रमुख एडमिरल अरुण प्रकाश के खिलाफ ट्वीट करने के बाद रक्षा मंत्रालय की प्रवक्ता स्वर्णश्री राजशेखर शुक्रवार को कई पूर्व सैन्य अधिकारियों के निशाने पर आ गईं। उन्होंने एडमिरल प्रकाश पर श्रमबल और संसाधनों के दुरुपयोग का आरोप लगाया। एक असैनिक अधिकारी द्वारा सैन्य ध्वज का इस्तेमाल करने के मुद्दे पर छिड़ी बहस के दौरान रक्षा मंत्रालय की प्रवक्ता की यह टिप्पणी सामने आई। हालांकि उन्होंने तुरंत ट्वीट डिलीट भी कर दिया।
यह पूरा मामला तब शुरू हुआ जब एडमिरल अरुण प्रकाश ने बृहस्पतिवार को रक्षा सेवाओं में सेवारत अधिकारियों द्वारा सैन्य बलों के झंडों एवं प्रतीकों का दुरुपयोग करने पर सवाल उठाया। उन्होंने कहा, 'अगर किसी असैनिक अधिकारी द्वारा सैन्य कमांड के प्रतीक का दुरुपयोग करना संज्ञेय अपराध नहीं भी है, तब भी उन जीओसीइनसी को इस व्यक्ति को फटकार लगानी चाहिए, जिनका यह 'वित्तीय सलाहकार' है।'
शुक्रवार सुबह रक्षा मंत्रालय की प्रवक्ता सुश्री स्वर्णश्री राजशेखर ने अपने आधकारिक ट्विटर हैंडल से ट्वीट करते हुए पूर्व नौसेना प्रमुख एडमिरल अरुण प्रकाश पर निशाना साधा। उन्होंने लिखा, 'आपके अधिकारी रहते आपके घर में जवानों के दुरुपयोग का क्या हुआ? फौजी गाड़ी से अधिकारियों के बच्चों को कैसे लाया-ले जाया जाता है। मैडम द्वारा सरकारी वाहन से की जाने वाली शॉपिंग भुलाई नहीं जा सकती। ऐसे कई लोग हैं...जो इस सबके लिए पैसे देते हैं।'
हालांकि उन्हें इस 'अनजान गलती' का आभास होने और ट्वीट डिलीट करने के पहले ही कई पूर्व अधिकारियों ने ट्वीट का स्क्रीनशॉट ले लिया था। इसे आधार बनाकर रक्षा मंत्रालय में 'सिविल और सेना के तनावग्रस्त' संबंधों को लेकर मंत्रालय की आलोचना करनी शुरू कर दी।
हालांकि सीधे हमला किए जाने के बाद भी एडमिरल प्रकाश ने सधी हुई प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा, 'रक्षा प्रवक्ता द्वारा किए गए विवेकहीन ट्वीट पर उत्साहित होने की बजाय मैं रक्षा मंत्रालय द्वारा असैन्य-सैन्य संबंधों की ओर ध्यान दिए जाने का सुझाव दूंगा। '
नौसेना ने इस मुद्दे पर अभी तक कुछ नहीं कहा है। लेकिन सूत्रों ने इस बात की उम्मीद जताई कि मामले में उचित कार्रवाई की जाएगी। रक्षा मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों के मुताबिक, वे इस मामले को देखेंगे और उचित कार्रवाई की जाएगी।
राजशेखर भारतीय रक्षा लेखा सेवा की अधिकारी हैं। वह अपने कैडर की पहली अधिकारी हैं, जिन्हें रक्षा मंत्रालय का प्रवक्ता नियुक्त किया गया है। पूर्व में इस पद पर भारतीय सूचना सेवा के अधिकारी नियुक्त किए जाते हैं। इसमें पीआईबी के मौजूदा महानिदेशक सितांशु कर भी शामिल हैं।
Last Updated Oct 26, 2018, 3:32 PM IST