देहरादून: उत्तराखंड के ऋषिकेश में एक बोर्डिंग स्कूल में पढ़ने वाले सातवीं क्लास के छात्र वासु यादव को उसके सीनियर साथियों ने बल्ले से इतना पीटा कि उसकी जान ही चली गई। 
यही नहीं मारने के पहले आरोपियों ने उस बच्चे को बुरी तरह प्रताड़ित भी किया था। पीटने के बाद इस मासूम को उत्तराखंड की भीषण ठंड में छत पर ले जाकर ठंडे पानी से नहलाया गया। 
इसके बाद आरोपी उसे स्टडी रुम में फेंक कर चले गए। जहां उसने तड़प तड़प कर दम तोड़ दिया। 

सातवीं कक्षा में पढ़ने वाले इस छात्र का दोष महज इतना था कि उसने स्कूल से बाहर जाने के दौरान एक दुकान से कुछ बिस्किट चुरा लिए थे। जिसकी वजह से छात्रों के बाहर जाने पर रोक लगा दिया गया था। 
इस घटना की वजह से स्कूल के वरिष्ठ छात्र इस बच्चे से नाराज हो गए थे। आरोपी छात्रों का मानना था कि वासु की वजह से ही उनके स्कूल के बाहर जाने पर रोक लगाई गई है।  देहरादून की वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक निवेदिता कुकरेती ने इस घटना के बारे में विस्तार से जानकारी दी। 

यह घटना 10 मार्च को हुई थी। बाद में उत्तराखंड बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने मामले में दखल दिया। जिसके बाद इस घटना का खुलासा हुआ। पुलिस ने 26 मार्च को बच्चे का शव खोदकर बाहर निकाला और उसका पोस्टमार्टम कराया।  

शर्मनाक यह है कि स्कूल प्रशासन ने इस मामले पर पर्दा डालने के लिए छात्र की लाश को कैंपस में ही दफना दिया। पुलिस ने स्कूल प्रबंधक, वार्डन, शारीरिक व्यायाम शिक्षक और स्कूल के दो छात्रों को गिरफ्तार कर लिया है। 

उन पर भारतीय दंड विधान की धारा 302 सहित अन्य धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया है।